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हरियाणा में प्रीपेड स्मार्ट मीटर: बिजली क्षेत्र में नया बदलाव

हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर की नई व्यवस्था शुरू होने जा रही है। यह पहल उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत को नियंत्रित करने का अवसर प्रदान करेगी। मंत्री अनिल विज ने इस प्रणाली को मोबाइल रिचार्ज से जोड़ा है, जिससे उपभोक्ता अपनी आवश्यकता के अनुसार रिचार्ज कर सकेंगे। इसके अलावा, विज ने कांग्रेस के नेताओं पर भी टिप्पणी की है, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। इस नई व्यवस्था से बिजली के दुरुपयोग में कमी आएगी और संसाधनों का बेहतर प्रबंधन होगा।
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हरियाणा में प्रीपेड स्मार्ट मीटर: बिजली क्षेत्र में नया बदलाव

हरियाणा में प्रीपेड स्मार्ट मीटर का आगाज़

हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं के लिए नई सुविधा: हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक नई और सुविधाजनक व्यवस्था का आगाज़ होने जा रहा है। राज्य के ऊर्जा, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज ने बताया कि अब हरियाणा में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जो बिजली की खपत को और अधिक पारदर्शी बनाएंगे।


मंत्री ने इसे मोबाइल रिचार्ज से जोड़ते हुए कहा कि जैसे फोन में जितना रिचार्ज किया जाता है, उतना ही उपयोग होता है, उसी तरह उपभोक्ता अपनी आवश्यकता के अनुसार प्रीपेड स्मार्ट मीटर में रिचार्ज कर सकेंगे। इस पहल की शुरुआत सरकारी कार्यालयों और संस्थानों से होगी, जिससे बिजली के उपयोग में अनुशासन और बचत को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम न केवल बिजली बिलों की पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को अपने खर्च पर नियंत्रण रखने में भी मदद करेगा।प्रीपेड स्मार्ट मीटर


अनिल विज ने इस मौके पर विपक्षी नेता राहुल गांधी के हालिया बयानों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस चुनाव हारती है, तो वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और चुनाव आयोग पर सवाल उठाती है, लेकिन जीतने पर चुप्पी साध लेती है।


विज ने इसे कांग्रेस का ‘राजनीतिक रोना’ करार देते हुए कहा कि पार्टी को अपनी हार का ठीकरा EVM पर फोड़ने के बजाय आत्ममंथन करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का इतिहास तानाशाही से भरा है, और वह लोकतांत्रिक संस्थाओं पर भरोसा नहीं करती। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में एक नई बहस को जन्म दिया है।


यह नई प्रीपेड मीटर व्यवस्था हरियाणा के बिजली क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में एक कदम है। सरकारी कार्यालयों में इसकी शुरुआत से यह सुनिश्चित होगा कि बिजली का दुरुपयोग कम हो और संसाधनों का बेहतर प्रबंधन हो।


उपभोक्ताओं के लिए यह एक ऐसी सुविधा है, जो उन्हें अपनी बिजली खपत को नियंत्रित करने का अधिकार देती है। इस पहल से न केवल बिजली विभाग की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि आम जनता को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।