हरियाणा में फसल खरीद की प्रक्रिया समय से पहले शुरू होगी

मुख्यमंत्री की केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नई दिल्ली में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में किसानों के हितों और फसल खरीद से संबंधित कई मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि हरियाणा में 1 अक्टूबर से प्रस्तावित फसल खरीद को निर्धारित समय से पहले शुरू करने की अनुमति दी जाए, ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने में कोई कठिनाई न हो। इस अनुरोध को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया।
गोदामों की क्षमता में वृद्धि
बैठक के दौरान, प्राइवेट एंटरप्रेन्योर्स गारंटी (पीईजी) योजना के तहत हरियाणा के गोदामों की क्षमता को 30 लाख मीट्रिक टन तक बढ़ाने की मंजूरी दी गई। इसके साथ ही, केंद्रीय पूल में हरियाणा द्वारा दिए गए गेहूं और चावल की फसल की बकाया राशि 6200 करोड़ रुपये का जल्द भुगतान करने का आश्वासन भी मिला।
स्टॉक और सप्लाई की जानकारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा के पास वर्तमान में केंद्रीय पूल का 100 लाख मीट्रिक टन गेहूं और चावल का स्टॉक है। दिसंबर में अगली फसल की सप्लाई शुरू होने पर हरियाणा को 14.5 लाख मीट्रिक टन स्टॉक रखने के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त स्थान प्राप्त होगा। अतिरिक्त चावल और गेहूं अन्य राज्यों में भेजा जाएगा।
गन्ने की फसल को बढ़ावा
बैठक में, फसल विविधीकरण और गन्ने की फसल को बढ़ावा देने के लिए नायब सिंह सैनी ने शुगर मिल की दूरी को 25 किलोमीटर से घटाकर 15 किलोमीटर करने का प्रस्ताव रखा, जिसे भारत सरकार ने मंजूरी दी।
टूटे चावल की खरीद
मुख्यमंत्री ने पीडीएस के तहत बांटे जाने वाले चावल को 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत टूटा हुआ करने की पायलट योजना का समर्थन किया। हरियाणा का लक्ष्य 3.5 लाख टन से बढ़ाकर 8 लाख टन करने पर केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा इस साल 10 प्रतिशत टूटे चावल के 8 लाख मीट्रिक टन की खरीद के लक्ष्य को पूरा करेगा।