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हरियाणा में फसल बीमा योजना के लिए नई समितियों का गठन

हरियाणा में किसानों के लिए फसल बीमा योजना को लेकर नई समितियों का गठन किया गया है। यह समितियाँ विवादों को सुलझाने, तकनीकी सहायता प्रदान करने और फसलों के मूल्य निर्धारण में मदद करेंगी। बीमा कंपनियों को 30 दिनों के भीतर निर्णय लागू करने होंगे, अन्यथा उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। जानें इस नई पहल के बारे में अधिक जानकारी और किसानों की भागीदारी के अवसर।
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हरियाणा में फसल बीमा योजना के लिए नई समितियों का गठन

हरियाणा में फसल बीमा योजना के तहत नई पहल

चंडीगढ़ | हरियाणा के किसानों के लिए एक सकारात्मक विकास हुआ है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित विवादों को सुलझाने, तकनीकी सहायता प्रदान करने और प्राकृतिक एवं जैविक फसलों के मूल्य निर्धारण के लिए तीन अलग-अलग कमेटियों का गठन किया है। इन समितियों का नेतृत्व किसान एवं कल्याण विभाग के मुख्य सचिव करेंगे।


इन समितियों द्वारा लिए गए निर्णयों को बीमा कंपनियों को 30 दिनों के भीतर लागू करना अनिवार्य होगा। यदि कोई कंपनी इस आदेश का पालन नहीं करती है, तो उसे हर दिन 2,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।


जिला और राज्यस्तरीय समितियों का गठन

हरियाणा फसल बीमा योजना की नई व्यवस्था


प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए राज्य शिकायत निवारण समिति का गठन किया गया है। इस समिति में कृषि निदेशक, संबंधित जिले के उपनिदेशक कृषि और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों सहित कुल 10 सदस्य शामिल होंगे। यह समिति जिलास्तर पर लिए गए निर्णयों और संदर्भित मामलों की समीक्षा करेगी।


आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि जिलास्तरीय समिति किसान द्वारा दी गई शिकायत पर 15 दिनों के भीतर अंतिम निर्णय लेकर इसकी जानकारी राज्यस्तरीय समिति को देगी। इसके बाद किसी नए आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। यह समिति साल में दो बार बैठक करेगी।


किसानों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना

किसानों को बुलाने की आजादी


बीमा योजनाओं से संबंधित तकनीकी मामलों के लिए 11 सदस्यों वाली तकनीकी सलाहकार समिति का गठन किया गया है। इसके अलावा, प्राकृतिक एवं जैविक फसलों की कीमत निर्धारित करने के लिए 14 सदस्यों वाली उच्चस्तरीय समिति भी बनाई गई है।


यह समिति रबी और खरीफ सीजन से पहले एक बैठक आयोजित करेगी और मूल्य नीति को और अधिक प्रभावी बनाने के सुझाव देगी। जरूरत पड़ने पर, किसानों को भी इन बैठकों में आमंत्रित किया जाएगा। गैर सरकारी सदस्यों और किसानों को इन बैठकों में भाग लेने के लिए यात्रा भत्ता और मानदेय दिया जाएगा।