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हरियाणा में फसल सब्सिडी योजना: किसानों को मिलेगी 50% सब्सिडी, आवेदन की अंतिम तिथि 20 अगस्त

हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक नई फसल सब्सिडी योजना की घोषणा की है, जिसके तहत वे फसल अवशेष प्रबंधन के लिए आवश्यक मशीनों पर 50% सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य पराली जलाने की समस्या को कम करना और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना है। आवेदन की अंतिम तिथि 20 अगस्त है, और किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत किरायेदार किसान भी लाभ उठा सकते हैं।
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हरियाणा में फसल सब्सिडी योजना: किसानों को मिलेगी 50% सब्सिडी, आवेदन की अंतिम तिथि 20 अगस्त

हरियाणा फसल सब्सिडी योजना की घोषणा

हरियाणा फसल सब्सिडी योजना: किसानों को मिलेगी 50% सब्सिडी, आवेदन की अंतिम तिथि 20 अगस्त: हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत की घोषणा की है। (Haryana Crop Residue Subsidy Scheme) के अंतर्गत, राज्य के किसान फसल अवशेष प्रबंधन के लिए आवश्यक मशीनों पर 50% तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकेंगे।


योजना में शामिल मशीनें

इस योजना में सुपर सीडर, बेलर, जीरो सीड ड्रिल, और शरब मास्टर जैसी कुल 12 आधुनिक मशीनें शामिल हैं। यह पहल राज्य में पराली जलाने की समस्या को कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।


आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक शर्तें

आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक शर्तें: इस योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 20 अगस्त निर्धारित की गई है। इच्छुक किसान (Online Application Farmer Scheme) के तहत विभागीय पोर्टल agriharyana.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।


सहायक कृषि अभियंता गोपी राम सांगवान ने बताया कि आवेदन करने के लिए किसान का (Meri Fasal Mera Byora) पोर्टल पर रबी 2025 और खरीफ 2024 के लिए पंजीकृत होना अनिवार्य है। यह ध्यान देने योग्य है कि जमीन का मालिकाना हक होना आवश्यक नहीं है, यानी किरायेदार किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।


टिकाऊ खेती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

टिकाऊ खेती की दिशा में बड़ा कदम: (Haryana Agriculture Department) द्वारा शुरू की गई यह योजना राज्य में टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाई गई है। पराली जलाने से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित होती है।


इस योजना के माध्यम से सरकार किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ना चाहती है ताकि वे पर्यावरण के अनुकूल तरीके से खेती कर सकें। (Farm Machinery Subsidy) से किसानों की लागत भी कम होगी और उत्पादन में सुधार आएगा।