हरियाणा में बाढ़ राहत के लिए किसानों का मुआवजा अब तक नहीं मिला: अनुराग ढांडा
हरियाणा के किसानों की स्थिति पर चिंता
-हरियाणा में बाढ़ राहत का इंतज़ार, किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला: अनुराग ढांडा
-पंजाब सरकार से सीखें नायब सिंह, पंजाब के किसानों को 30 दिन में मिला मुआवजा: अनुराग ढांडा
-हरियाणा के किसानों को भी पंजाब की तरह 20 हज़ार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलना चाहिए: अनुराग ढांडा
चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया इंचार्ज अनुराग ढांडा ने रविवार को एक बयान में कहा कि हरियाणा के किसान आज एक गंभीर संकट और सरकारी लापरवाही का सामना कर रहे हैं। बीजेपी की नीतियों के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। 2025 की बाढ़ में 5.37 लाख किसानों की 31 लाख एकड़ फसल बर्बाद हो गई, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार ने न तो राहत दी और न ही मुआवजा। केवल पोर्टल पर दिखावा किया गया है।
बीजेपी सरकार ने 30 नवंबर तक मुआवजा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन दिसंबर आ गया है और किसानों के खाते में कुछ भी नहीं आया। 8 जिलों में गिरदावरी अधूरी है और सबसे प्रभावित फतेहाबाद में ₹50-60 करोड़ की फाइलें अटकी हुई हैं। यह किसानों के साथ धोखा नहीं तो और क्या है?
इसके विपरीत, पंजाब की AAP सरकार ने केवल 30 दिनों में ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवजा सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर कर दिया। 2,508 गांवों और 3.5 लाख एकड़ को कवर करते हुए। अगर नीयत सही हो तो राहत भी समय पर मिलती है। हरियाणा की बीजेपी सरकार में इस नीयत की कमी साफ नजर आती है, और किसान इसकी कीमत चुका रहा है।
अनुराग ढांडा ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ₹15,000 प्रति एकड़ जैसे ‘मजाक’ भरे मुआवजे की घोषणा कर किसानों के जख्मों को और गहरा किया है। जबकि नुकसान इससे कहीं अधिक हुआ है। मुख्यमंत्री को किसानों की समस्याओं से ज्यादा टेस्ला की सवारी में दिलचस्पी है। यह संवेदनहीनता चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा का किसान अब भी सरकारी दफ्तरों की सीढ़ियां चढ़ते-चढ़ते थक चुका है। MSP पर धोखा और खाद की कालाबाजारी से किसान की स्थिति खराब हो चुकी है। ₹1,350 का खाद का कट्टा ₹2,000 में बिक रहा है, लेकिन सरकार आंखें मूंदे बैठी है। प्रदेश का किसान आज सरकार से पूछ रहा है कि क्या पोर्टल खोलना ही राहत देना है? क्या किसानों के खून-पसीने की कीमत केवल घोषणाओं में तय होगी? क्या बाढ़ राहत का पैसा कभी किसानों के खातों में पहुँचेगा या फाइलों में ही कैद रहेगा?
अनुराग ढांडा ने कहा कि हरियाणा में किसानों की यह दुर्दशा सरकार की नीयत, नीति और नेतृत्व की विफलता का परिणाम है। अगर मुख्यमंत्री को यह समझ नहीं आ रहा कि संकट के समय किसानों की मदद कैसे की जाती है, तो पंजाब की AAP सरकार से सीख लेना ही बेहतर है।
