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हरियाणा में बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या में भारी कमी: 4 लाख परिवारों ने छोड़ा सूची

हरियाणा सरकार ने बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या में भारी कमी की है, जिसमें 4 लाख से अधिक परिवार स्वेच्छा से सूची से बाहर हो गए हैं। यह कदम सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता को बढ़ाने और वास्तविक जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाने के लिए उठाया गया है। जानें इस बदलाव के पीछे के कारण और इसके प्रभाव के बारे में।
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हरियाणा में बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या में भारी कमी: 4 लाख परिवारों ने छोड़ा सूची

हरियाणा में बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या में कमी

हरियाणा बीपीएल कार्ड: हरियाणा में बीपीएल कार्ड धारकों पर बड़ा एक्शन: 4 लाख से अधिक परिवार सूची से बाहर, सिरसा में सबसे ज्यादा कटौती: हरियाणा सरकार की सख्ती का असर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है, क्योंकि फर्जी बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या में भारी कमी आई है। सरकार की चेतावनी के बाद लगभग 4 लाख परिवार स्वेच्छा से बीपीएल श्रेणी से बाहर हो गए हैं, जिससे राज्य में बीपीएल परिवारों की कुल संख्या अब 48 लाख 5 हजार 547 रह गई है।


यह परिवर्तन परिवार आईडी में आय के सही विवरण दर्ज करने के कारण हुआ है। सरकार ने फर्जी कार्ड धारकों को 20 अप्रैल तक खुद को सूची से हटाने का अल्टीमेटम दिया था, और इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। यह कदम न केवल सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता को बढ़ाएगा, बल्कि वास्तविक जरूरतमंदों तक लाभ पहुंचाने में भी सहायक होगा।


हरियाणा सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 30 मार्च से 1 जुलाई के बीच बीपीएल परिवारों की संख्या में 3 लाख 90 हजार 833 की कमी आई है। इस दौरान सिरसा में सबसे अधिक 29 हजार 652 परिवार बीपीएल सूची से बाहर हुए, जबकि गुरुग्राम में 26 हजार 559 और करनाल में 23 हजार 35 परिवारों की कटौती हुई।


चरखी दादरी में सबसे कम 8 हजार 93 परिवार सूची से हटे। सरकार ने फर्जी बीपीएल कार्ड धारकों को संदेश के माध्यम से चेतावनी दी थी कि वे परिवार आईडी में सही जानकारी दर्ज करें, अन्यथा न केवल लाभ की वसूली होगी, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। इस सख्त रुख ने लोगों को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए प्रेरित किया।


यह कार्रवाई हरियाणा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देती है। वास्तविक गरीब परिवारों को अब बीपीएल योजनाओं का लाभ अधिक प्रभावी ढंग से मिल सकेगा।


नागरिकों से अपील की जाती है कि वे अपनी परिवार आईडी में सही जानकारी अपडेट रखें ताकि भविष्य में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। यह पहल न केवल प्रशासन की जवाबदेही को दर्शाती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि सरकारी संसाधनों का उपयोग सही दिशा में हो।