Newzfatafatlogo

हरियाणा में बीपीएल कार्ड विवाद: 9 लाख से अधिक परिवारों का नाम सूची से हटाया गया

हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में बीपीएल कार्ड को लेकर हंगामा मच गया है। विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 9 लाख से अधिक परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर कर दिया गया है। कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला ने सवाल उठाया कि कितने नए बीपीएल कार्ड जारी किए गए और कितने परिवारों को हटाया गया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने पारदर्शी तरीके से काम किया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और सरकार का क्या कहना है।
 | 
हरियाणा में बीपीएल कार्ड विवाद: 9 लाख से अधिक परिवारों का नाम सूची से हटाया गया

हरियाणा में बीपीएल कार्ड पर हंगामा

हरियाणा बीपीएल कार्ड विवाद: बीपीएल कार्ड को लेकर हरियाणा विधानसभा में हंगामा, 9 लाख से अधिक परिवार सूची से बाहर, सरकार पर गंभीर आरोप! चंडीगढ़ | हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में बीपीएल कार्ड के मुद्दे पर जमकर बहस हुई। विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि लाखों परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर कर दिया गया है।


सत्र के दौरान हुई तीखी बहस ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। आइए, इस खबर में जानते हैं कि असल मामला क्या है और सरकार ने क्या उत्तर दिया।


विपक्ष का बीपीएल कार्ड पर हमला


विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान गरीबों को लुभाने के लिए बीपीएल सूची में बड़े पैमाने पर नाम जोड़े गए। चुनाव समाप्त होते ही लाखों परिवारों को इस सूची से हटा दिया गया। कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला ने सवाल उठाया कि जनवरी 2024 से 31 जुलाई 2025 के बीच कितने नए बीपीएल कार्ड जारी किए गए और कितने परिवारों को सूची से हटाया गया।


उन्होंने यह भी पूछा कि बीपीएल कार्ड रद्द करने का आधार क्या था। विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पवार ने उत्तर दिया कि इस अवधि में 8 लाख 57 हजार परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल किया गया, जबकि 9 लाख से अधिक परिवारों को हटा दिया गया। अब 22 अगस्त 2025 तक बीपीएल परिवारों की संख्या घटकर 41 लाख 93,669 रह गई है।


सरकार पर गुप्त सर्वे का आरोप


विपक्ष ने सरकार पर और भी गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि सरकार ने चुपचाप सर्वे कराया ताकि गरीब परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ न मिले। विधायक केहरवाला ने आरोप लगाया कि चुनाव में लाभ उठाने के लिए बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या बढ़ाई गई और परिणाम आने के बाद इसे कम कर दिया गया। इन आरोपों ने सदन में माहौल को और गर्म कर दिया।


मुख्यमंत्री सैनी का जवाब


बढ़ते विवाद के बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मोर्चा संभाला और विपक्ष को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बीपीएल के नाम पर जनता को गुमराह किया जा रहा था। सरकार ने पारदर्शी तरीके से काम किया और पोर्टल पर लोगों से उनकी आय की जानकारी ली।


जिन परिवारों की वार्षिक आय 1,80,000 रुपये से कम थी, उन्हें बीपीएल श्रेणी में रखा गया। अधिक आय वाले परिवार अपने आप सूची से बाहर हो गए। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि सरकार ने पूरी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी रखा।