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हरियाणा में भवन निर्माण के नियमों में बदलाव: जल संचयन प्रणाली अनिवार्य

हरियाणा सरकार ने भवन निर्माण के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिसमें वर्षा जल संचयन प्रणाली को अनिवार्य किया गया है। नए नियमों के तहत, भवन मालिकों को हर तिमाही जल संचयन प्रणाली की जांच का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। यह कदम न केवल जल संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन को भी बेहतर बनाएगा। जानें इस पहल के पीछे की सोच और इसके संभावित प्रभाव।
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हरियाणा में भवन निर्माण के नियमों में बदलाव: जल संचयन प्रणाली अनिवार्य

हरियाणा में नए भवन निर्माण के नियम

हरियाणा TCPD नियम: भवन निर्माण के लिए सख्त दिशा-निर्देश, हर तिमाही जल संचयन प्रमाण पत्र आवश्यक: हरियाणा सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और जल स्तर में सुधार के लिए बिल्डिंग कोड-2017 में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। अब घर बनाने से पहले वर्षा जल संचयन प्रणाली का लगाना अनिवार्य होगा। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (TCPD) ने इस संशोधन को सार्वजनिक किया है और जनता से सुझाव भी मांगे हैं।


इस नए नियम के तहत, हर नए भवन में (rainwater harvesting Haryana) सिस्टम की नियमित जांच की जाएगी। यदि सिस्टम में कोई खराबी पाई जाती है, तो बिना पूर्व सूचना के निरीक्षण किया जाएगा और सुधार के लिए 4 हफ्तों का समय दिया जाएगा। अगर 8 हफ्तों में सुधार नहीं हुआ, तो (occupancy certificate Haryana) रद्द किया जा सकता है।


हर तिमाही प्रमाण पत्र देना होगा


TCPD ने यह भी स्पष्ट किया है कि हर भवन मालिक को पहली तिमाही में एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, जिसमें यह पुष्टि हो कि उनकी (rainwater system inspection) प्रणाली सही तरीके से कार्य कर रही है। यह प्रमाणपत्र विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।


इसके साथ ही, पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निरीक्षण रिपोर्ट भी पोर्टल पर सार्वजनिक की जाएगी। यह कदम (housing compliance Haryana) सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है ताकि जल संचयन प्रणाली केवल कागजों पर न हो, बल्कि वास्तव में कार्यरत हो।


जल स्तर की निगरानी के लिए तकनीकी उपाय


हरियाणा सरकार अब जल स्तर की निगरानी के लिए (automatic water recorder) यानी AWSR लगाने की योजना बना रही है। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि वर्षा जल संचयन प्रणाली कितनी प्रभावी है। यह तकनीक भवनों में जल संरक्षण को और मजबूत बनाएगी।


इस पहल से न केवल (water conservation rules) को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि हरियाणा में पर्यावरणीय संतुलन भी बेहतर होगा। सरकार का यह कदम भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।