हरियाणा में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई: 83 अधिकारियों पर कार्रवाई

हरियाणा में भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार
हरियाणा में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम: सिंचाई विभाग के 83 अधिकारियों पर कार्रवाई, ठेकेदारों से वसूली की जाएगी: हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त रुख अपनाते हुए सिंचाई विभाग के 83 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री के उपयोग और लापरवाही के चलते कंक्रीट और पाइप के 18 सैंपल जांच में असफल पाए गए, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।
सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने स्पष्ट किया कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई में 12 अधीक्षण अभियंता, 17 अधिशासी अभियंता, 22 एसडीओ और 29 जूनियर इंजीनियरों को चार्जशीट किया गया है, जबकि तीन चीफ इंजीनियरों को नाराजगी नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही, ठेकेदारों से वित्तीय नुकसान की वसूली की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।हरियाणा में भ्रष्टाचार
सिंचाई विभाग की विजिलेंस विंग ने हरियाणा में चल रही परियोजनाओं से 48 सैंपल लिए थे, जिनमें से 18 गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे। जांच में यह पाया गया कि कंक्रीट और पाइपों की गुणवत्ता इतनी खराब थी कि इससे सरकार को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ।
चौंकाने वाली बात यह है कि अधिकारियों ने इस नुकसान का कोई विश्लेषण नहीं किया, जिसे विभाग ने भ्रष्टाचार का गंभीर मामला माना। कार्रवाई के लिए एक पांच सदस्यीय समिति बनाई गई, जिसने पांच दिनों में चार्जशीट और नाराजगी नोटिस तैयार किए। बुधवार को सभी संबंधित अधिकारियों को जिला स्तर पर चार्जशीट सौंप दी गई। यह कार्रवाई हरियाणा के किसी विभाग द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
इस कार्रवाई का प्रभाव केवल अधिकारियों तक सीमित नहीं है। जिन परियोजनाओं में सैंपल फेल हुए, उन ठेकेदारों से भी वसूली की जाएगी। कई ठेकेदारों को पहले ही भुगतान किया जा चुका है, और अब विभाग इनसे वसूली के लिए योजना बना रहा है।
सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर चल रही है, और भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी। यह कदम न केवल विभागीय पारदर्शिता को बढ़ाएगा, बल्कि जनता के विश्वास को भी मजबूत करेगा। यह कार्रवाई अन्य विभागों के लिए भी एक चेतावनी है कि लापरवाही और भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है।