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हरियाणा में मौसम का बदलाव: बारिश से तापमान में गिरावट

हरियाणा में मौसम में बदलाव आया है, जहां पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश हो रही है। इस बारिश ने तापमान को 11 डिग्री सेल्सियस तक गिरा दिया है, जिससे ठंडक का अहसास बढ़ गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और अन्य मौसमी कारकों के चलते यह बारिश हो रही है। जानें इस बारिश का फसलों और जनजीवन पर क्या असर पड़ा है और आने वाले दिनों में क्या पूर्वानुमान है।
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हरियाणा में मौसम का बदलाव: बारिश से तापमान में गिरावट

हरियाणा का मौसम 7 अक्टूबर: बारिश का असर

हरियाणा मौसम 7 अक्टूबर: पश्चिमी विक्षोभ के कारण हरियाणा में मौसम में बदलाव आया है। सोमवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में तेज बारिश हुई, जिससे ठंडक का अहसास हुआ। रविवार से शुरू हुई बारिश सोमवार को और बढ़ गई। लगातार दो दिनों की बारिश ने दिन के तापमान को 11 डिग्री सेल्सियस तक गिरा दिया। इस बारिश ने धान की फसलों को नुकसान पहुँचाया है और जनजीवन भी प्रभावित हुआ है।


बारिश का कारण क्या है?

मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन के अनुसार, उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ, दक्षिणी पंजाब और उत्तरी राजस्थान में बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र और अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी से मिल रही नमी के कारण बारिश हो रही है।


तापमान में गिरावट

बारिश के चलते तापमान में काफी कमी आई है। करनाल और कुरुक्षेत्र में अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम में सबसे अधिक है। यमुनानगर में 41 मिमी बारिश हुई, जबकि नारनौल में 18.5 मिमी, सिरसा में 16.5 मिमी और अंबाला में 14.5 मिमी बारिश हुई।


आने वाले दिनों में बारिश का पूर्वानुमान

मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव 8 अक्टूबर तक बना रहेगा। इस दौरान हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है। इसके बाद दिन और रात के तापमान में और गिरावट आएगी, जिससे ठंड का अहसास बढ़ेगा।
कहाँ कितनी बारिश हुई?

यमुनानगर: 41.0 मिमी
नारनौल: 18.5 मिमी
सिरसा: 16.5 मिमी
अंबाला: 14.5 मिमी
हिसार: 14.2 मिमी
पलवल: 12.0 मिमी
करनाल: 6.0 मिमी
कैथल: 5.0 मिमी
नूंह: 4.0 मिमी
रोहतक: 3.0 मिमी
सोनीपत: 2.5 मिमी
गुरुग्राम: 2.0 मिमी
कुरुक्षेत्र: 1.5 मिमी
पानीपत: 1.5 मिमी
जींद: 0.2 मिमी


फसलों और जनजीवन पर प्रभाव

बारिश के बाद दिनभर बादल छाए रहे और ठंडी हवाओं ने लोगों को गर्म पेय पदार्थों की ओर आकर्षित किया। कुछ क्षेत्रों में जलभराव और धीमी ट्रैफिक ने हल्की परेशानी उत्पन्न की। किसानों का कहना है कि यह बारिश सूखे क्षेत्रों में गेहूं की बुवाई के लिए फायदेमंद साबित होगी, लेकिन धान की फसलों को नुकसान हुआ है।