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हरियाणा में वर्क स्लिप घोटाला: श्रम विभाग को करोड़ों का नुकसान, विज ने जांच का आदेश दिया

हरियाणा के श्रम विभाग में वर्क स्लिप घोटाले ने करोड़ों रुपये की वित्तीय हानि का खुलासा किया है। श्रम मंत्री अनिल विज ने इस मामले की गहन जांच का आदेश दिया है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जानें कैसे फर्जी वर्क स्लिप्स के जरिए सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है और विज ने क्या कदम उठाए हैं।
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हरियाणा में वर्क स्लिप घोटाला: श्रम विभाग को करोड़ों का नुकसान, विज ने जांच का आदेश दिया

वर्क स्लिप घोटाले का खुलासा

हरियाणा में वर्क स्लिप घोटाला: श्रम विभाग को करोड़ों का नुकसान, विज ने जांच का आदेश दिया: वर्क स्लिप घोटाले ने हरियाणा के श्रम विभाग में हड़कंप मचा दिया है। हिसार, कैथल, जींद, सिरसा, फरीदाबाद, और भिवानी जैसे जिलों में फर्जी वर्क स्लिप्स के माध्यम से करोड़ों रुपये की वित्तीय हानि का खुलासा हुआ है।


अनिल विज की सख्त कार्रवाई

श्रम मंत्री अनिल विज ने इस घोटाले की गहन जांच का आदेश दिया है और दोषी अधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया है। यह मामला सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाता है।


फर्जी वर्क स्लिप्स का सत्यापन

वर्क स्लिप घोटाले का पर्दाफाश 21 अप्रैल 2025 को सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की बैठक में हुआ। अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच 11,96,759 वर्क स्लिप्स का सत्यापन किया गया। हिसार में 1,45,582 स्लिप्स की जांच की गई, जिसमें ग्राम सचिव राजेंद्र सिंह ने तीन महीनों में 84,741 स्लिप्स और एक दिन में 2,646 स्लिप्स सत्यापित कीं। फरीदाबाद में श्रम निरीक्षक ने 2,702 स्लिप्स की जांच की। अनिल विज ने इन आंकड़ों पर संदेह जताया और फर्जी सत्यापन की आशंका व्यक्त की। इस घोटाले से विभाग को सैकड़ों करोड़ की हानि हुई है।


जांच समिति का गठन

अनिल विज ने वर्क स्लिप घोटाले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया, जिसमें अजमेर सिंह देसवाल, सुनील ढिल्लों, और भूपिंदर शर्मा शामिल हैं। उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे तीन सदस्यीय कमेटियां बनाएं, जिनमें श्रम विभाग और दो स्वतंत्र राजपत्रित अधिकारी हों। ये कमेटियां 1 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के बीच सत्यापित स्लिप्स की फिजिकल जांच करेंगी। दोषियों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज करने के लिए महाधिवक्ता की राय ली जाएगी। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर पर भी रोक लगाई गई है।


घोटाले का प्रभाव

वर्क स्लिप घोटाले ने सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की गहरी साजिश को उजागर किया है। फर्जी कामगारों ने विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर विभाग को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया। यह घोटाला पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है। अनिल विज ने जांच पूरी होने तक सख्ती बरतने का वादा किया है। जनता से अपील है कि वे सरकारी योजनाओं के लिए केवल आधिकारिक चैनलों पर भरोसा करें। यह मामला भविष्य में सख्त नियमों की आवश्यकता को रेखांकित करता है।