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हरियाणा में वायु गुणवत्ता में गिरावट: फरीदाबाद और बल्लभगढ़ में गंभीर स्थिति

हरियाणा में दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता में गंभीर गिरावट आई है, विशेषकर फरीदाबाद और बल्लभगढ़ में, जहां AQI 400 से ऊपर पहुंच गया है। पटाखों के धुएं और निर्माण कार्यों के कारण स्थिति और बिगड़ गई है। प्रशासन ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन उनका प्रभाव अभी तक नजर नहीं आया है। डॉक्टरों ने सांस के मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। जानें इस गंभीर स्थिति के बारे में अधिक जानकारी।
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हरियाणा में वायु गुणवत्ता में गिरावट: फरीदाबाद और बल्लभगढ़ में गंभीर स्थिति

हरियाणा में वायु गुणवत्ता की चिंता

नई दिल्ली | दिवाली के बाद हरियाणा की हवा में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ गया है। फरीदाबाद और बल्लभगढ़ में वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो गई है कि लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। मंगलवार, 21 अक्टूबर को फरीदाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार चला गया, जबकि बल्लभगढ़ में यह 450 से अधिक दर्ज किया गया।


प्रदूषण के कारण

पटाखों के धुएं और निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल ने हवा को बेहद खराब बना दिया है। ग्रैप-2 लागू होने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है, जिससे सांस के मरीजों की समस्याएं बढ़ गई हैं।


फरीदाबाद और बल्लभगढ़ में वायु गुणवत्ता

दिवाली से पहले ही फरीदाबाद और बल्लभगढ़ की वायु गुणवत्ता में गिरावट देखी गई थी। रविवार को बल्लभगढ़ में AQI 305 तक पहुंच गया था, जो गंभीर श्रेणी में आता है। मंगलवार को यह स्थिति और बिगड़ गई, जब फरीदाबाद में AQI 400 और बल्लभगढ़ में 450 से ऊपर दर्ज हुआ।


ग्रैप-2 के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 14 नवंबर से NCR में ग्रैप का पहला चरण लागू किया था, और अब ग्रैप-2 की पाबंदियां भी शुरू हो चुकी हैं। प्रशासन ने खुले में कचरा जलाने पर रोक और सड़कों पर पानी का छिड़काव जैसे कदम उठाए हैं, लेकिन इनका प्रभाव अभी तक दिखाई नहीं दे रहा है। कई स्थानों पर AQI 500 के करीब पहुंच गया है, जो अत्यंत खतरनाक है।


मौसम की भूमिका

हरियाणा में मौसम भी तेजी से बदल रहा है। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण रात का तापमान गिर रहा है। गुरुग्राम, जींद, कैथल, हिसार, पंचकूला और महेंद्रगढ़ में तापमान 18 डिग्री से नीचे चला गया है।


सांस के मरीजों के लिए सावधानी

वायु प्रदूषण और ठंडी रातों के कारण सांस के मरीजों को अधिक परेशानी हो रही है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि सुबह और शाम घर से बाहर निकलते समय सावधानी बरतें। पटाखों का धुआं और निर्माण की धूल ने हरियाणा के कई क्षेत्रों को गैस चैंबर में बदल दिया है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य खतरे में है।