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हरियाणा में सर्दी और प्रदूषण का बढ़ता स्तर: जानें कारण और प्रभाव

हरियाणा में सर्दी के साथ प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, खासकर करनाल में जहां AQI 258 तक पहुंच गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के मौसम में धूल के कण नीचे बैठ जाते हैं, जिससे हवा जहरीली हो जाती है। इस लेख में जानें कि प्रदूषण के कारण क्या हैं, PM 2.5 और PM 10 का स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव है, और सर्दी के मौसम में क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए।
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हरियाणा में सर्दी और प्रदूषण का बढ़ता स्तर: जानें कारण और प्रभाव

हरियाणा में सर्दी और प्रदूषण की स्थिति

हरियाणा के विभिन्न शहरों में जैसे-जैसे सर्दी बढ़ रही है, प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। करनाल का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 258 के स्तर पर पहुंच गया है, जो पानीपत से लेकर चंडीगढ़ तक के जीटी रोड कॉरिडोर में सबसे खराब स्थिति है। मौसम और प्रदूषण के विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों में धूल के कण नीचे ही रहते हैं, जिससे ठंड के मौसम में हवा अधिक जहरीली महसूस होती है।


करनाल में प्रदूषण का उच्च स्तर

अन्य शहरों की तुलना में करनाल में प्रदूषण का स्तर अधिक है। उदाहरण के लिए, पंचकूला का AQI 96, कैथल का 98, अंबाला का 100 और पानीपत का 172 दर्ज किया गया। यह आश्चर्यजनक है कि औद्योगिक शहर पानीपत की तुलना में करनाल में प्रदूषण अधिक है, जबकि करनाल में हरियाली अधिक है और औद्योगिक गतिविधियाँ कम हैं।


प्रदूषण के कारण

पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. राहुल मेहंदीरत्ता के अनुसार, ट्रैफिक का दबाव, सड़क की धूल और ठंड के दौरान हवा का ठहराव प्रदूषण को बढ़ाता है। सुबह 9 से 11 बजे के बीच जब लोग बाहर निकलते हैं, उस समय PM 2.5 का स्तर सबसे अधिक होता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।


PM 2.5 और PM 10 का स्वास्थ्य पर प्रभाव

बुधवार को PM 2.5 का स्तर 258 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर और PM 10 का स्तर 143 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया। PM 2.5 फेफड़ों में गहराई तक पहुंचकर अस्थमा, एलर्जी, थकान और हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि इन स्तरों का औसत चिंताजनक है।


सर्दी और प्रदूषण का संबंध

मौसम विभाग के अनुसार, 4 दिसंबर से न्यूनतम तापमान में एक और डिग्री की गिरावट संभव है, जिससे रात का तापमान 6 डिग्री तक जा सकता है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, हवा में मौजूद कण नीचे बैठ जाएंगे, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।


प्रदूषण नियंत्रण के उपाय

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ रणदीप सिंधू ने नागरिकों से अपील की है कि वे पराली या कूड़े में आग न लगाएं, बिना आवश्यकता के वाहन न चलाएं और नियमों का उल्लंघन करने वालों की सूचना दें।


हरियाणा में सर्दी का प्रभाव

सर्दी के साथ-साथ प्रदूषण भी बढ़ रहा है। कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला और जगाधरी जैसे जिलों में तापमान में गिरावट देखी जा रही है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ठंड रबी फसलों के लिए अनुकूल है।


मौसम में बदलाव

हिसार कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के अनुसार, 4 से 8 दिसंबर तक बादल छाए रहेंगे, जिससे ठंड बढ़ेगी और धूप कम होगी। 8 दिसंबर के बाद उत्तरी हवाएं तापमान को और गिरा सकती हैं।


महत्वपूर्ण चेतावनी

बढ़ते प्रदूषण से फेफड़ों, बच्चों, बुजुर्गों और हृदय रोगियों को खतरा है। मौसम परिवर्तन का सीधा असर फसलों, स्वास्थ्य और जीवनशैली पर पड़ता है। सर्दियों में प्रदूषण प्रबंधन और व्यक्तिगत सावधानी दोनों आवश्यक हैं।