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हरियाणा विश्वविद्यालय में पीएम विद्यालक्ष्मी योजना से छात्रों को मिलेगा गारंटर-मुक्त शिक्षा ऋण

हरियाणा विश्वविद्यालय ने पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत छात्रों के लिए गारंटर-मुक्त शिक्षा ऋण की सुविधा शुरू की है। इस योजना के माध्यम से मेधावी छात्र बिना किसी गारंटर के उच्च शिक्षा के लिए ऋण प्राप्त कर सकेंगे। पूरी प्रक्रिया डिजिटल है, जिससे छात्रों को बैंक की कतारों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं है। कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने बताया कि यह योजना छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी। जानें इस योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया के बारे में।
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हरियाणा विश्वविद्यालय में पीएम विद्यालक्ष्मी योजना से छात्रों को मिलेगा गारंटर-मुक्त शिक्षा ऋण

हरियाणा विश्वविद्यालय में गारंटर-मुक्त शिक्षा ऋण की शुरुआत

PM Vidyalakshmi Yojana: हरियाणा विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए गारंटर-मुक्त शिक्षा ऋण की सुविधा शुरू। गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (GJUS&T) ने इस योजना को नए शैक्षणिक सत्र से लागू किया है। अब मेधावी छात्र बिना किसी गारंटर के उच्च शिक्षा के लिए ऋण प्राप्त कर सकेंगे।


यह योजना भारत सरकार द्वारा नवंबर 2024 में शुरू की गई थी, और जीजेयू ने इसे अपने छात्रों के लिए 2025 सत्र से लागू किया है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को बैंकिंग प्रक्रियाओं से मुक्त करना और उन्हें गारंटर-मुक्त शिक्षा ऋण उपलब्ध कराना है।


डिजिटल प्रक्रिया से मिलेगी सुविधा, अब नहीं लगानी पड़ेगी बैंक की कतार


इस योजना के अंतर्गत छात्रों को अब बैंक की लंबी कतारों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं है। वे पीएम विद्यालक्ष्मी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। छात्रों को केवल फॉर्म भरना होगा और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे।


छात्र का पोर्टल पर लॉगिन बन जाएगा, जिससे वह अपने ऋण आवेदन की स्थिति को डैशबोर्ड पर देख सकेगा। ऋण स्वीकृति की जानकारी उन्हें एसएमएस, ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त होगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और छात्रों के अनुकूल है।


कुलपति का बयान, छात्रों को होगा सीधा लाभ


जीजेयू के कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने बताया कि यह योजना छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब उन्हें गारंटर के बिना आसानी से शिक्षा ऋण मिलेगा, जिससे वे अपनी पढ़ाई बिना किसी आर्थिक बाधा के पूरी कर सकेंगे।


इस योजना से न केवल छात्रों को राहत मिलेगी, बल्कि उच्च शिक्षा के प्रति उनकी चिंताओं में भी कमी आएगी। विश्वविद्यालय ने यह सुनिश्चित किया है कि हर योग्य छात्र इस योजना का लाभ उठा सके।