हरियाणा सरकार का किसानों के लिए ट्यूबवेल कनेक्शन स्थानांतरण मुफ्त करने का ऐलान

हरियाणा के किसानों के लिए नई सुविधा
ट्यूबवेल कनेक्शन स्थानांतरण: हरियाणा सरकार का बड़ा तोहफा किसानों के लिए: हरियाणा के किसानों के लिए एक नई खुशखबरी आई है! नायब सैनी सरकार ने किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब ट्यूबवेल कनेक्शन का स्थानांतरण 70 मीटर के दायरे में पूरी तरह से मुफ्त होगा।
पहले इस प्रक्रिया में 30 से 40 हजार रुपये का खर्च आता था, जो छोटे और मध्यम किसानों के लिए एक बड़ा आर्थिक बोझ था। इस नई नीति से किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा और खेती में सहूलियत बढ़ेगी। बिजली निगम ने इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी कर दिए हैं, जिसे किसानों ने खुशी-खुशी स्वीकार किया है।
कब और कैसे मिलेगी यह सुविधा?
ट्यूबवेल कनेक्शन स्थानांतरण की प्रक्रिया: यह सुविधा कुछ विशेष परिस्थितियों में लागू होगी। बिजली निगम के निर्देशों के अनुसार, यदि ट्यूबवेल खराब हो जाता है, पानी में लवणता की समस्या होती है, या सरकारी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण किया जाता है, तब यह सुविधा उपलब्ध होगी।
इसके लिए यह आवश्यक है कि नया स्थान उसी किसान की भूमि पर हो और किसान का कोई बिजली बिल बकाया न हो। ये शर्तें सुनिश्चित करती हैं कि यह सुविधा सही हकदारों तक पहुंचे। इस नीति से उन किसानों को राहत मिलेगी जो भूजल स्तर में कमी या अन्य तकनीकी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
किसानों की मांग का सकारात्मक उत्तर
किसान संगठनों की मांग का समर्थन: लंबे समय से किसान संगठन ट्यूबवेल कनेक्शन स्थानांतरण की फीस माफी की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि ट्यूबवेल अक्सर भूजल की कमी या तकनीकी खराबी के कारण बेकार हो जाते हैं, जिससे कनेक्शन को दूसरी जगह ले जाना आवश्यक हो जाता है।
इस मांग को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने यह कदम उठाया है, जिससे हजारों किसानों को आर्थिक और मानसिक राहत मिलेगी। इस नीति से न केवल खेती की लागत में कमी आएगी, बल्कि समय पर सिंचाई भी सुनिश्चित होगी, जो फसल उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगी।
किसानों में खुशी का माहौल
सरकार का आभार: इस निर्णय के बाद हरियाणा के किसानों में खुशी का माहौल है। कई किसानों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी का आभार व्यक्त किया है। किसान रामपाल सिंह ने कहा, “यह निर्णय हमारे लिए एक वरदान है। पहले ट्यूबवेल स्थानांतरण का खर्च उठाना मुश्किल था। अब यह मुफ्त होने से खेती करना आसान होगा।”
इस नीति के माध्यम से हरियाणा सरकार ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वह किसानों के हितों को प्राथमिकता देती है। यह कदम न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि राज्य में कृषि विकास को भी बढ़ावा देगा।