हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी

हरियाणा में संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी
हरियाणा में संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी: भ्रष्टाचार पर अंकुश! हरियाणा सरकार ने कच्चे कर्मचारियों के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और विश्वविद्यालयों में संवेदनशील और वित्तीय पदों पर अनुबंधित कर्मचारियों को हटाने का आदेश जारी किया गया है।
अब इन पदों पर केवल नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। यह कदम भ्रष्टाचार की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उठाया गया है। आइए, इस निर्णय और इसके पीछे के कारणों की विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।
भ्रष्टाचार की शिकायतों पर सख्त कदम
हरियाणा में संवेदनशील पदों पर अनुबंधित कर्मचारियों की नियुक्ति से भ्रष्टाचार की शिकायतें बढ़ रही थीं। विशेष रूप से पब्लिक डीलिंग और वित्तीय मामलों से जुड़े पदों पर अनुबंधित कर्मचारियों के कारण कई अनियमितताएं सामने आईं।
इस स्थिति को देखते हुए, मानव संसाधन विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्डों, निगमों और विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि संवेदनशील पदों की पहचान कर वहां नियमित कर्मचारियों को तैनात किया जाए। यह कदम पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।
सरकारी आदेशों का पालन अनिवार्य
13 अगस्त 2021 के सरकारी निर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि संवेदनशील और वित्तीय मामलों से जुड़े पदों पर केवल नियमित कर्मचारी नियुक्त किए जाएं। लेकिन कई स्थानों पर इन आदेशों का उल्लंघन हो रहा था।
अनुबंधित कर्मचारियों को मानव संसाधन और लेखा जैसे महत्वपूर्ण कार्य सौंपे जा रहे थे। अब सरकार ने सख्ती से सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि कच्चे कर्मचारियों को इन पदों से हटाकर ग्रुप ए, बी, सी या समकक्ष नियमित कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जाए।
पारदर्शिता और जवाबदेही का लक्ष्य
यह निर्णय सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। मानव संसाधन और लेखा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति से भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगेगा।
सरकार ने सभी मंडलायुक्तों, उपायुक्तों और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को इस आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। यह कदम न केवल प्रशासनिक सुधार लाएगा, बल्कि जनता का विश्वास भी बढ़ाएगा। कर्मचारियों से अनुरोध है कि वे नए निर्देशों का पालन करें।
हरियाणा सरकार का यह निर्णय भ्रष्टाचार को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लोग इस बदलाव से पारदर्शी प्रशासन की उम्मीद कर रहे हैं।