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हरियाणा सहकारी समितियों के लिए नई रियायतें और टेंडर प्रक्रिया में बदलाव

हरियाणा सरकार ने सहकारी समितियों के लिए नई रियायतों की घोषणा की है, जिसमें 1 करोड़ रुपये तक के कार्यों के लिए टेंडर सीधे समितियों को दिए जाएंगे। यह कदम स्थानीय श्रमिकों को रोजगार देने और समितियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। जानें इस योजना की विशेषताएँ और रियायतें, जो महिला और अनुसूचित जाति समितियों को भी लाभान्वित करेंगी।
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हरियाणा सहकारी समितियों के लिए नई रियायतें और टेंडर प्रक्रिया में बदलाव

हरियाणा सहकारी समितियों को मिली नई सौगात

हरियाणा सहकारी समितियों के लिए नई रियायतें: हरियाणा सरकार ने सहकारी समितियों को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सहकारी श्रम और निर्माण समितियों को दी गई रियायतों को 31 मार्च 2030 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।


इस योजना के तहत, 1 करोड़ रुपये तक के कार्यों के लिए टेंडर सीधे इन समितियों को दिए जाएंगे। यह कदम सहकारी समितियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और स्थानीय श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने में सहायक होगा। आइए, इस योजना की विशेषताओं पर एक नज़र डालते हैं।


1 करोड़ रुपये तक के कार्यों में प्राथमिकता

हरियाणा सरकार ने सहकारी श्रम और निर्माण समितियों को लोक निर्माण विभाग (PWD) के तहत 1 करोड़ रुपये तक के सभी कार्यों में प्राथमिकता दी है। इनमें मैन पावर सप्लाई, माल लोडिंग-अनलोडिंग, परिवहन, और निर्माण सामग्री की आपूर्ति शामिल हैं।


यदि समितियां निविदा देने में असफल होती हैं, तो ठेकेदारों के लिए खुली निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त, सरकारी अस्पतालों और शहरी स्थानीय निकायों में 60 लाख रुपये तक की सफाई सेवाएं भी इन समितियों के लिए आरक्षित की गई हैं, विशेषकर महिला और अनुसूचित जाति समितियों के लिए।


रियायतें और आर्थिक सहायता

इस योजना के अंतर्गत सहकारी समितियों को कई रियायतें प्रदान की गई हैं। 50 लाख रुपये तक के कार्यों के लिए बयाना राशि 25,000 रुपये या 1% (जो कम हो) होगी। 50 लाख से अधिक के कार्यों के लिए बयाना राशि सामान्य ठेकेदारों की तुलना में 50% कम होगी।


महिला या अनुसूचित जाति सदस्यों वाली समितियों के लिए परफॉर्मेंस सिक्योरिटी सामान्य ठेकेदारों की तुलना में 25% कम होगी। इसके साथ ही, लाइसेंसिंग और लिस्टिंग फीस से छूट भी मिलेगी। जिला केंद्रीय सहकारी बैंक समितियों को ऋण सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।


पारदर्शिता और समीक्षा की व्यवस्था

हरियाणा सरकार ने सहकारी समितियों के कार्य आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हर जिले में जिला सहकारिता समन्वय समिति का गठन करने का निर्णय लिया है। यह समिति कार्यों की समीक्षा करेगी, भुगतान में तेजी लाएगी, और मध्यस्थता मामलों को सुलझाएगी।


लेटर ऑफ क्रेडिट मिलने पर समितियों को भुगतान में प्राथमिकता दी जाएगी। यह व्यवस्था सहकारी समितियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी।