हरियाली अमावस्या 2025: जानें विशेष योग और पूजा विधि

हरियाली अमावस्या का महत्व
आज, 24 जुलाई 2025 को, हरियाली अमावस्या का पावन पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान शिव और पूर्वजों की विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस तिथि पर महादेव और पितरों की उपासना करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयों, मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही, पितृ कृपा से सुख-समृद्धि और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।
विशेष योग और समय विवरण
इस वर्ष हरियाली अमावस्या पर कई शुभ योगों का संयोग बना है। पंचांग के अनुसार, यह तिथि कृष्ण अमावस्या है और मास सावन पूर्णिमांत है। आज का दिन गुरुवार है, संवत 2082 है। अमावस्या तिथि 25 जुलाई की रात 12:40 बजे तक प्रभावी रहेगी।
योग: हर्षण योग सुबह 09:51 तक।
करण: चतुष्पद दोपहर 01:31 तक।
सूर्योदय: 05:38 बजे।
सूर्यास्त: 07:17 बजे।
चंद्रास्त: 07:16 बजे।
सूर्य राशि: कर्क।
चंद्र राशि: मिथुन।
शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:55।
अमृत काल: 02:26 से 03:58 तक।
राहु काल: 02:10 से 03:52 तक।
गुलिक काल: 09:03 से 10:45 तक।
यमगण्ड काल: 05:38 से 07:20 तक।
आज का नक्षत्र
चंद्र पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश करेगा, जो शाम 04:43 बजे तक प्रभावी रहेगा। इस नक्षत्र के जातक सामान्यतः ज्ञानवान, आध्यात्मिक, दयालु और संवाद में दक्ष होते हैं। इसके स्वामी बृहस्पति हैं और प्रतीक धनुष-तरकश है।
पितृ पूजन मंत्र
ॐ पितृ देवतायै नमः
ॐ आगच्छन्तु मे पितर...
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे...
ॐ पितृगणाय विद्महे...
ॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्च...