हरियाली अमावस्या पर पौधारोपण का संदेश, सीएम ने दी शुभकामनाएं

हरियाली अमावस्या का महत्व
भोपाल। सावन का महीना चल रहा है, जो त्यौहारों से भरा होता है। हरियाली अमावस्या के अवसर पर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पौधारोपण के लिए लोगों को प्रेरित किया। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि प्रकृति के संरक्षण का भी संदेश देता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसे वन महोत्सव के रूप में मनाने की परंपरा रही है। इस दिन पीपल, बरगद और बेल जैसे पवित्र वृक्षों की पूजा की जाती है और पौधारोपण किया जाता है। किसान इस दिन खरीफ फसलों की बुआई के साथ अच्छे मानसून की कामना करते हैं।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने इस विशेष दिन की शुभकामनाएं देते हुए सभी से पौधारोपण करने की अपील की। उन्होंने कहा, 'भगवान शंकर की पूजा और प्रकृति के संरक्षण के इस पर्व पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की कृपा से सभी की इच्छाएं पूरी हों। इस पावन अवसर पर एक पौधा अवश्य लगाएं, ताकि हमारी धरती हमेशा हरी-भरी बनी रहे।' हरियाली अमावस्या, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, एक प्रकृति पर्व है। सावन के महीने में जब धरती हरियाली से ढक जाती है, तब यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन वृक्षारोपण, जल संरक्षण और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। विशेष रूप से राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में इस दिन पेड़ लगाने की परंपरा है।