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हरियाली तीज पर शिव कॉलोनी में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

हरियाली तीज के अवसर पर शिव कॉलोनी में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में महिलाओं ने मेहंदी सजाई और लोकगीत गाए। इस पर्व का महत्व भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन से जुड़ा है। आयोजन में कई महिलाएं शामिल हुईं और एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं। जानें इस खास दिन के पीछे की पौराणिक मान्यता और उत्सव की रौनक के बारे में।
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हरियाली तीज पर शिव कॉलोनी में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

हरियाली तीज का उत्सव


(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। शिव कॉलोनी में हेमंत सैनी कल्चरल थिएटर एंड वेलफेयर सोसाइटी और महिला संगठन द्वारा हरियाली तीज के अवसर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस आयोजन की अध्यक्षता पवन माही शर्मा ने की। महिलाओं ने मेहंदी लगाई, झूलों का आनंद लिया और लोकगीत गाकर एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दी।


बबली ने बताया कि हरियाली तीज का एक महत्वपूर्ण नियम है कि मन में क्रोध नहीं लाना चाहिए। मेहंदी के औषधीय गुण महिलाओं के लिए लाभकारी होते हैं। इस व्रत के दौरान सास और नई दुल्हन को वस्त्र, हरी चूड़ियाँ, श्रृंगार सामग्री और मिठाइयाँ भेंट की जाती हैं। इसका उद्देश्य दुल्हन का श्रृंगार और सुहाग को बनाए रखना है।


माया ने कहा कि पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन मां पार्वती ने भगवान शिव को अपनी कठोर तपस्या से प्राप्त किया था। इस दिन वृक्षों, नदियों और जल के देवता वरुण की भी पूजा की जाती है।


हरियाली तीज का त्योहार अच्छे वर की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है और यह भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन की खुशी का प्रतीक है। माता पार्वती ने कठिन तपस्या करके शिव जी को पति रूप में पाया था। यह दिन उनके पुनर्मिलन का प्रतीक है और वैवाहिक प्रेम का संदेश देता है। इस अवसर पर बबली, श्रुति, रिया, कोमल, अनिशा, पायल, निसू, स्नेहा, निर्मला, शकुंतला, सोमती, सुनीता, रोशनी, सरोज, रूबी, संजू, माया, बबलू, प्रमिला आदि उपस्थित थे।