हिंदी दिवस पर विशेष कविताएं: अपने कार्यक्रम को बनाएं यादगार

हिंदी दिवस पर कविता: अपनी भाषा का अभिनंदन
हिंदी दिवस पर कविता: अपने कार्यक्रम को बनाएं खास! हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। यह वही दिन है जब 76 वर्ष पूर्व, 14 सितंबर 1949 को, संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में मान्यता दी थी।
यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक है। 1953 से, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के सुझाव पर, पूरे देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य हिंदी को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना है। हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह भारत के विभिन्न जातियों और समुदायों को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
इस विशेष अवसर पर, स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में कविता, भाषण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। आइए, हम आपके लिए हिंदी दिवस पर कुछ बेहतरीन कविताएं प्रस्तुत करते हैं, जो आपके कार्यक्रम को और भी खास बनाएंगी।
हिंदी दिवस पर कविताएं
अपनी भाषा का अभिनंदन
अभिनंदन अपनी भाषा का
करते हैं तन-मन से वंदन, जन-गण-मन की अभिलाषा का
अभिनंदन अपनी संस्कृति का, आराधन अपनी भाषा का।
यह अपनी शक्ति सर्जना के माथे की है चंदन रोली
माँ के आँचल की छाया में हमने जो सीखी है बोली
यह अपनी बँधी हुई अंजुरी ये अपने गंधित शब्द सुमन
यह पूजन अपनी संस्कृति का यह अर्चन अपनी भाषा का।
सोम ठाकुर
गूंजी हिंदी विश्व में
स्वप्न हुआ साकार
राष्ट्र संघ के मंच से
हिन्दी का जयकार
हिन्दी हिन्दी में बोला
देश स्वभाषा प्रेम
विश्व अजरज में डोला
कह कैदी कविराय
मेम की माया टूटी
भारत माता धन्य
स्नेह की सरिता फूटी!
अटल बिहारी वाजपेयी
छोटी कविता:
हिंदी है मेरी माता
मेरी भाषा में तोते भी राम-राम जब कहते हैं।
मेरे रोम-रोम से मानो सुधा स्रोत तब बहते हैं।
सब कुछ छूट जाय मैं अपनी भाषा कभी न छोडूँगा।
वह मेरी माता है उससे नाता कैसे तोडूंगा।
मैथिलीशरण गुप्त
हिंदी: एकता की डोर
एक डोर में सबको जो है बांधती
वह हिंदी है
हर भाषा को जो सगी बहन मानती
वह हिंदी है।
भरी-पूरी हों सभी बोलियां
यही कामना हिंदी है
गहरी हो पहचान आपसी
यही साधना हिंदी है
गिरिराज कुमार माथुर
कक्षा 4, 8, 10 के लिए कविता
माँ भारती के भाल की शृंगार है हिंदी
हिंदोस्ताँ के बाग़ की बहार है हिंदी
घुट्टी के साथ घोल के माँ ने पिलाई थी
स्वर फूट पड़ रहा, वही मल्हार है हिंदी
तुलसी, कबीर, सूर औ' रसखान के लिए
ब्रह्मा के कमंडल से बही धार है हिंदी
डॉ. जगदीश व्योम
कविता पाठ के लिए सुझाव
इन कविताओं को मंच पर प्रस्तुत करते समय आपके चेहरे पर उत्साह और आत्मविश्वास झलकना चाहिए। अपनी आवाज में उतार-चढ़ाव लाएं और हिंदी के प्रति गर्व का भाव व्यक्त करें। यकीन मानिए, दर्शक तालियां बजाने को मजबूर हो जाएंगे। हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है, जब 76 साल पहले हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था। यह दिन हमारी भाषा और संस्कृति का उत्सव है।