हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने चिकित्सा अधिकारी के स्थानांतरण पर लगाई रोक

उच्च न्यायालय का निर्णय
शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक चिकित्सा अधिकारी के स्थानांतरण पर रोक लगा दी है, इसे राज्य की स्थानांतरण नीति का उल्लंघन मानते हुए। प्रशिक्षु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पासंग डोलमा को हाल ही में लाहौल-स्पीति जिले के काजा में सिविल अस्पताल में नियुक्त किया गया था, लेकिन एक महीने के भीतर ही उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किब्बर में स्थानांतरित कर दिया गया।
डॉ. डोलमा ने 13 अक्टूबर को इस स्थानांतरण आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने कहा कि यह राज्य की स्थानांतरण नीति के खिलाफ है। उनका तर्क था कि नीति के अनुसार किसी भी पद पर न्यूनतम तीन वर्षों का कार्यकाल अनिवार्य है। अदालत ने कहा कि स्थानांतरण के लिए कोई प्रशासनिक आवश्यकता या जनहित नहीं दिखाया गया है, जो इस निर्णय को सही ठहरा सके।
अदालत ने कहा कि पहले दृष्टिकोण से स्थानांतरण आदेश में कोई औचित्य नहीं है और यह स्थापित नीति का उल्लंघन करता है। इस पर न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए स्थानांतरण आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी। राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता राजन कहोल ने 17 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान अदालत से जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा, जिस पर न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 14 नवंबर निर्धारित की है।