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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने केंद्र से आपदा राहत की मांग की

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव से मुलाकात कर राज्य में हाल ही में आई आपदाओं के कारण हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बेघर और भूमिहीन परिवारों के पुनर्वास के लिए विशेष राहत उपायों की मांग की। सुक्खू ने वन मानदंडों में ढील देने और नदियों में गाद हटाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इस लेख में जानें मुख्यमंत्री की अपील और राज्य की स्थिति के बारे में।
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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने केंद्र से आपदा राहत की मांग की

मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू की केंद्रीय मंत्री से मुलाकात

शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव से राज्य में आपदा प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए विशेष राहत उपायों की मांग की।


उन्होंने शुक्रवार शाम नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की और उन्हें हाल ही में हुई भारी बारिश और बादल फटने के कारण राज्य को हुए नुकसान के बारे में बताया। सुक्खू ने कहा कि इस मानसून के दौरान इमारतों, सड़कों, पुलों, जलापूर्ति योजनाओं और आवासीय संपत्तियों के साथ-साथ मानव जीवन को भी गंभीर नुकसान हुआ है।


सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि बेघर और भूमिहीन परिवारों के पुनर्वास के लिए एक बीघा भूमि आवंटित करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य का 68 प्रतिशत हिस्सा वन क्षेत्र में है, इसलिए पुनर्वास की प्रक्रिया के लिए वन मानदंडों में ढील देने की आवश्यकता है।


उन्होंने नदियों में गाद हटाने के मुद्दे पर भी चर्चा की और आपदा रोकथाम के लिए गाद के निपटान के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी राज्यों की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अलग मानक निर्धारित किए जाने चाहिए।


सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री को बार-बार बादल फटने से होने वाली प्राकृतिक आपदाओं और उनके गंभीर प्रभावों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस विषय पर गृह मंत्री के साथ चर्चा की गई है और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए एक टीम ने राज्य का दौरा किया है।