Newzfatafatlogo

हिमाचल प्रदेश में बाढ़: एनडीआरएफ ने 427 लोगों को सुरक्षित निकाला

हिमाचल प्रदेश में ब्यास नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से कई क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है। एनडीआरएफ ने कांगड़ा और चंबा जिलों में राहत कार्य शुरू किया है, जिसमें 427 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। इस दौरान मणिमहेश यात्रा में फंसे तीर्थयात्रियों को भी बचाने का प्रयास किया गया है। जानें इस प्राकृतिक आपदा के दौरान एनडीआरएफ की कार्रवाई और प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति के बारे में।
 | 
हिमाचल प्रदेश में बाढ़: एनडीआरएफ ने 427 लोगों को सुरक्षित निकाला

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति

हिमाचल प्रदेश: ब्यास नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने के कारण कई क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है। कांगड़ा और चंबा जिलों में स्थिति गंभीर हो गई है, जिसके चलते राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया है। कल रात कांगड़ा जिले के इंदौरा में अरनी विश्वविद्यालय परिसर बाढ़ में डूब गया।


जैसे ही प्रशासन को स्थिति की जानकारी मिली, एनडीआरएफ की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और बचाव कार्य आरंभ किया। इस अभियान में 412 छात्रों और 15 कर्मचारियों सहित कुल 427 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। एक वीडियो में देखा जा सकता है कि एनडीआरएफ के जवान तेज बहाव के बीच छात्रों को सुरक्षित निकाल रहे हैं।


ग्रामीण क्षेत्रों में बचाव कार्य जारी

ग्रामीण क्षेत्रों में भी रेस्क्यू जारी


एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट ललित मोहन सिंह की निगरानी में बुधवार को प्रभावित विश्वविद्यालय परिसर से 26 और लोगों (19 पुरुष और 7 महिलाएं) को निकाला गया। इसी दौरान इंदौरा उपखंड के मंड और सनोर क्षेत्रों में बाढ़ के कारण फंसे ग्रामीणों को भी बचाया गया। टीम ने यहां से 8 महिलाओं, 4 पुरुषों और 3 बच्चों सहित कुल 15 लोगों को सुरक्षित निकाला है।


मणिमहेश यात्रा में फंसे तीर्थयात्री

मणिमहेश यात्रा में फंसे हजारों तीर्थयात्री


बचाव कार्य केवल कांगड़ा तक सीमित नहीं रहा। चंबा जिले में चल रही श्री मणिमहेश यात्रा भी बाढ़ और प्रतिकूल मौसम के कारण प्रभावित हुई है। एनडीआरएफ की टीम, हिमाचल प्रदेश पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर गौरी कुंड के पास धनछो पहुंची। टीम ने सुरक्षा रस्सियों की मदद से अस्थायी पैदल पुल बनाया और पर्वतारोहण उपकरणों की सहायता से तीर्थयात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाया।


इस संयुक्त प्रयास से 3,269 तीर्थयात्रियों (1,730 पुरुष, 1,259 महिलाएं और 280 बच्चे) को सुरक्षित रूप से दुनाली तक पहुंचाया गया, जहां अन्य दलों ने उन्हें हडसर तक पहुंचाने का कार्य संभाला। दो दिनों में एनडीआरएफ ने कुल 3,737 लोगों को सुरक्षित निकाला, जिससे प्राकृतिक आपदा के समय उनकी प्रतिबद्धता और क्षमता एक बार फिर सामने आई।


सोशल मीडिया पर अपडेट