हिमाचल प्रदेश में बाढ़ से मची तबाही, कंगना रनौत ने दी सफाई

बाढ़ और बादल फटने से मंडी में संकट
हिमाचल प्रदेश में हालिया बारिश ने कई जिलों में बाढ़ और बादल फटने की गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है। मंडी जिले में सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जहां चंबा-मंडी क्षेत्र में बादल फटने से 5 पुल बह गए हैं। राज्य में 75 से अधिक लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से 4 जुलाई तक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में लगभग 75 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 288 लोग घायल हुए हैं। मंडी में बादल फटने की घटनाओं में 14 लोगों की मौत हुई है और 31 लोग अभी भी लापता हैं। आज भी यहां तेज बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इस संकट के समय में मंडी की सांसद का वहां न होना लोगों की नाराजगी का कारण बन गया है।
कंगना रनौत की प्रतिक्रिया
बाढ़ के दौरान कंगना रनौत मंडी में मौजूद नहीं थीं, क्योंकि वह दो दिनों के लिए मुंबई गई थीं। इस घटना के बाद उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि जो विवाद उठ रहा है, वह राजनीतिक है। कंगना ने मंडी के बाढ़ प्रभावित थुनाग में कहा, "मैं दो दिन के लिए मुंबई गई थी और इसी दौरान यह घटना हुई।"
जयराम ठाकुर द्वारा व्यक्त की गई नाराजगी पर कंगना ने कहा, "जयराम ठाकुर एक सम्माननीय नेता हैं और उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया है। मैंने उनसे बात की है।" उन्होंने यह भी कहा कि वह मंडी के लिए अधिक से अधिक फंड लाने की कोशिश करेंगी ताकि राज्य को इस आपदा से उबरने में मदद मिल सके।