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हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर: 37 लोगों की जान गई, मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिसमें 37 लोगों की जान जा चुकी है। मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां कई सड़कें बंद हैं और आवश्यक सेवाएं बाधित हैं। राहत कार्य जारी है, और प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है। जानें इस संकट के बारे में और अधिक जानकारी।
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हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर: 37 लोगों की जान गई, मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित

हिमाचल प्रदेश में बारिश का संकट

Himachal Pradesh Weather Alert: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। अब तक 37 लोगों की जान जा चुकी है और लगभग 400 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। कई क्षेत्रों में स्थिति अत्यंत गंभीर है, जहां सड़कें, पानी और बिजली की आपूर्ति ठप हो गई है।


मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित

मंडी जिला इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। थुनाग सब-डिवीजन में हालात बेहद खराब हैं, जहां कई सड़कें बंद हैं और आवश्यक सेवाएं बाधित हो गई हैं। मंडी में 40 लोग लापता हैं। राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और भारतीय वायुसेना द्वारा खाने के पैकेट गिराए जा रहे हैं।


राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेष सचिव डीसी राणा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमारे सिस्टम में अब तक ₹400 करोड़ का नुकसान दर्ज किया गया है, लेकिन वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है। हमारा ध्यान रेस्क्यू और बहाली पर है।" उन्होंने यह भी बताया कि मंडी का एक गांव पूरी तरह तबाह हो गया है।


सड़कें और जल योजनाएं प्रभावित

बारिश से संबंधित घटनाओं में 37 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सड़क हादसों में 26 और मौतें हुई हैं। पूरे राज्य में 250 से अधिक सड़कें बंद हैं, 500 से ज्यादा ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं और लगभग 700 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।


डीसी राणा ने कहा, "ये घटनाएं जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम हैं। हिमाचल अब इन प्रभावों से अछूता नहीं है।"


शिमला में स्कूलों की स्थिति

राजधानी शिमला में बारिश के कारण स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई है। कई स्कूलों की कक्षाएं पानी में डूबी हुई हैं। एक छात्रा तनुजा ठाकुर ने कहा, "तेज बारिश हो रही है। हमारी कक्षाओं में पानी भर गया है। हमारे कपड़े और किताबें भीग गई हैं।"


उन्होंने आगे कहा, "हमारा स्कूल पेड़ों से घिरा है। हमेशा डर बना रहता है कि कोई पेड़ गिर सकता है। शुक्र है, हम अब तक सुरक्षित हैं।"


बचाव कार्य जारी

स्थानीय प्रशासन, पुलिस, होम गार्ड्स, SDRF और NDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। अधिकारियों ने बताया कि वे स्थिति पर नजर रख रहे हैं और राज्य में और बारिश की संभावना को देखते हुए हाई अलर्ट जारी रखा गया है।