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हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन का खतरा: 22 स्थान संवेदनशील, जानें क्या है स्थिति

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। राज्य आपात संचालन केंद्र की रिपोर्ट में 22 स्थानों को संवेदनशील बताया गया है, जिनमें से 17 को 'उच्च खतरे' की श्रेणी में रखा गया है। मंडी जिले के 15 स्थान सबसे अधिक प्रभावित हैं। भारी बारिश के चलते 44 लोगों की जान गई है और राज्य को 75 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। प्रशासन ने जनता से सतर्क रहने की अपील की है। जानें और क्या है स्थिति और प्रशासन की तैयारी।
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हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन का खतरा: 22 स्थान संवेदनशील, जानें क्या है स्थिति

भूस्खलन की निगरानी रिपोर्ट से बढ़ी चिंता

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते राज्य आपात संचालन केंद्र ने भूस्खलन की स्थिति पर एक निगरानी रिपोर्ट जारी की है, जिसने प्रशासन और आम जनता की चिंता को बढ़ा दिया है। इस रिपोर्ट में 22 स्थानों को भूस्खलन के लिए संवेदनशील बताया गया है। इनमें से 17 स्थानों को 'उच्च खतरे' की श्रेणी में रखा गया है, जबकि एक स्थान को 'बहुत अधिक खतरे' में वर्गीकृत किया गया है.


मंडी जिले के 15 स्थान सबसे अधिक प्रभावित

30 जून तक विभिन्न जिलों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, कांगड़ा जिले के संधोल क्षेत्र को 'बहुत अधिक खतरे' वाला स्थान माना गया है। मंडी जिले में 15 स्थान सबसे अधिक प्रभावित हैं, जिनमें प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पराशर, ग्रिफॉन पीक (1 से 10 तक), सनाली, तत्तापानी और विश्वकर्मा मंदिर शामिल हैं। इसके अलावा, कांगड़ा के 4, शिमला के 2 और सोलन का 1 क्षेत्र 'उच्च खतरे' की श्रेणी में चिन्हित किया गया है। धर्मशाला और जतोग जैसे इलाके भी इस सूची में शामिल हैं.


सकारात्मक संकेत: कोई निष्क्रिय खतरनाक क्षेत्र नहीं

एक सकारात्मक पहलू यह है कि किसी भी स्थान को 'निष्क्रिय खतरनाक' क्षेत्र नहीं बताया गया है। सभी संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी टीमें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। मंडी के कोटरोपी और कांगड़ा के बलडूण में खतरा न्यून स्तर पर है.


भारी बारिश से नुकसान का आकलन

20 से 30 जून के बीच, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य में 44 लोगों की जान गई, 82 लोग घायल हुए और 83 मवेशी मारे गए। इस दौरान 35 घर, 8 दुकानें और 26 गौशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुईं। कुल मिलाकर, राज्य को लगभग 75 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.


390 सड़कें बंद, प्रशासन की तैयारी

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि राज्य में 390 सड़कें बंद हैं, जिनके पुनः संचालन के लिए विभागीय और किराए की 242 मशीनें जुटाई गई हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी मार्ग खोल दिए जाएंगे। आपात स्थितियों के लिए 20 करोड़ रुपये की लागत वाले वैली ब्रिज भी तैयार रखे गए हैं। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संवेदनशील क्षेत्र में यात्रा करने से बचें.