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हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से प्रभावित सड़कें, भारी बारिश का कहर

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण 249 सड़कें बंद हो गई हैं, जिनमें से अधिकांश मंडी जिले में हैं। भूस्खलन के कारण यातायात प्रभावित हुआ है, जिससे स्थानीय लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी और प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति।
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हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से प्रभावित सड़कें, भारी बारिश का कहर

हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की स्थिति

हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन: राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण 249 सड़कें वाहनों के लिए बंद हो गई हैं, जिनमें से 207 मंडी जिले में हैं। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, ये सड़कें भूस्खलन से सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। भारी बारिश के चलते मंडी से धर्मपुर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-3 (अटारी-लेह) को भारी वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। शुक्रवार रात को मंडी में पंडोह बांध के पास काची मोड़ पर भूस्खलन के कारण चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग का मंडी-कुल्लू खंड लगभग 10 घंटे तक बंद रहा। इसके बाद वाहनों को कटोला-कमंद वैकल्पिक मार्ग से भेजा गया, जिससे इस मार्ग पर यातायात धीमा हो गया और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।


भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित

टीवी 9 की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने के कारण यातायात रोकना पड़ा, जिससे यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। मलबा हटाने के बाद लगभग 10 घंटे बाद सड़क के एक तरफ यातायात बहाल किया गया। राज्य में 20 जून को मानसून के आगमन के बाद से लगभग 751 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बारिश और बाढ़ के कारण 463 बिजली ट्रांसफार्मर और 781 जलापूर्ति योजनाएँ बाधित हुई हैं।


राज्य में बारिश का हाल

कई जिलों में भारी बारिश

11 जुलाई की शाम से राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। मुरारी देवी में सबसे अधिक 126 मिमी बारिश दर्ज की गई है। भूस्खलन के कारण सड़कें बंद होने से स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पंडोह में 79 मिमी, स्लेपर में 67.7 मिमी, कोठी में 60.4 मिमी, मंडी में 53.2 मिमी बारिश हुई है। जोगिंदरनगर में 53 मिमी, भुंतर में 47.6 मिमी, भराड़ी में 40 मिमी, नेरी में 34 मिमी बारिश दर्ज की गई है।


मौसम विभाग का अलर्ट

स्थानीय मौसम विभाग ने 10 जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश को लेकर 18 जुलाई तक 'येलो अलर्ट' जारी किया है। मानसून की शुरुआत के बाद से, राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में 56 और सड़क दुर्घटनाओं में 36 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 172 लोग घायल हुए हैं और 33 लोग लापता हैं।


उत्तराखंड में भी अलर्ट

उत्तराखंड के कई जिलों में अलर्ट

मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। उधमसिंह नगर, बागेश्वर, पौड़ी, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इन जिलों में गरज और बिजली गिरने का भी अनुमान है।

बारिश के बाद भूस्खलन के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है। हाल के दिनों में भूस्खलन के कारण स्कूलों में छुट्टियां, यात्रा पर प्रतिबंध और सड़कें बंद होने जैसी स्थितियाँ कई बार सामने आई हैं। लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और भूस्खलन संभावित स्थानों, खासकर पहाड़ी इलाकों से दूरी बनाए रखने की अपील की गई है।