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हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश से उत्पन्न संकट

हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून की बारिश ने गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है। भूस्खलन और जलभराव के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारतीय मौसम विभाग ने कई क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है, और स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। रेल सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं, और हाल ही में एक इमारत ढहने की घटना ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। जानें इस संकट के बारे में और राहत कार्यों की जानकारी।
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हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश से उत्पन्न संकट

हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर

हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून की बारिश ने गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण भूस्खलन, जलभराव और सड़कें अवरुद्ध होने की घटनाएं बढ़ गई हैं। राज्य के कई क्षेत्रों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसके चलते सरकार को आपातकालीन उपाय करने पड़े हैं।


मौसम विभाग का अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग ने राज्य के 22 भूस्खलन संवेदनशील क्षेत्रों में से 18 में चेतावनी जारी की है। बारिश के कारण 259 सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। 130 से अधिक स्थानों पर बिजली की आपूर्ति भी बाधित हो गई है और जलापूर्ति पर भी गंभीर असर पड़ा है। मंडी, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में स्कूलों को 30 जून तक बंद रखने का आदेश दिया गया है।


रेल सेवाओं पर असर

बारिश के कारण रेल सेवाएं ठप

शिमला-कालका रेल मार्ग पर मलबा और पेड़ गिरने के कारण रेल सेवाएं घंटों तक बाधित रहीं। पिछले 24 घंटों में राज्य में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे इस मानसून में कुल मृतकों की संख्या 20 हो गई है। बिलासपुर और ऊना में दो व्यक्तियों की डूबने से मौत हुई, जबकि शिमला में ऊंचाई से गिरकर एक व्यक्ति की जान गई।


भट्टा कोफर में इमारत ढहने की घटना

भट्टा कोफर में इमारत ढही

शिमला के भट्टा कोफर क्षेत्र में एक पांच मंजिला इमारत ढह गई। राहत की बात यह है कि इमारत को समय पर खाली करा लिया गया था, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ। प्रशासन ने आसपास की अन्य पांच इमारतों को भी खाली कराने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम ने कहा कि निर्माण कार्य के कारण हुए नुकसान की जांच की जाएगी और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।