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हिमाचल प्रदेश में विनाशकारी मॉनसून से जनजीवन प्रभावित

हिमाचल प्रदेश में इस साल का मॉनसून विनाशकारी साबित हो रहा है, जिसमें 135 लोगों की जान चली गई है। भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। 540 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और 432 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। राहत कार्य जारी हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण चुनौतियाँ बढ़ रही हैं। जानें इस आपदा के बारे में और अधिक जानकारी।
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हिमाचल प्रदेश में विनाशकारी मॉनसून से जनजीवन प्रभावित

हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का कहर

हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष मॉनसून ने भारी तबाही मचाई है, जिससे राज्य में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अत्यधिक वर्षा, भूस्खलन और अचानक बाढ़ के कारण स्थिति गंभीर हो गई है। हालिया आंकड़ों के अनुसार, इस प्राकृतिक आपदा ने 135 लोगों की जान ले ली है और व्यापक स्तर पर संपत्ति का नुकसान हुआ है।


राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि मॉनसून के चलते 135 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जो कि एक चिंताजनक स्थिति है। इसके अलावा, 432 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे कई दूरदराज के क्षेत्रों का संपर्क टूट गया है। यातायात व्यवस्था में भारी बाधा आई है और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।


नुकसान केवल सड़कों तक सीमित नहीं है। मॉनसून के प्रभाव से 540 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए हैं और कई लोग अस्थायी शेल्टरों में रहने को मजबूर हैं। इसके अतिरिक्त, बड़ी संख्या में घरों को आंशिक रूप से भी नुकसान पहुंचा है, जिससे लोगों के लिए सामान्य जीवन में लौटना कठिन हो गया है।


राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है और उन्हें भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। हालांकि, लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण बचाव अभियानों में भी बाधाएं आ रही हैं।


यह आपदा हिमाचल प्रदेश के इतिहास में सबसे विनाशकारी मॉनसून में से एक बनती जा रही है, जिससे राज्य को आर्थिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।