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हिमाचल में सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से जोड़ने का ऐलान

हिमाचल प्रदेश की सरकार ने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को सीबीएसई से जोड़ने का ऐलान किया है। इस पहल से छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में बढ़त मिलेगी और उन्हें उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। हर विधानसभा क्षेत्र में एक सीबीएसई स्कूल खोला जाएगा, जिससे सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। इसके अलावा, शिक्षकों के लिए विशेष सब-कैडर और प्रोत्साहन योजनाएं भी लागू की जाएंगी। यह कदम शिक्षा के परिणामों में सुधार और छात्रों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
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हिमाचल में सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से जोड़ने का ऐलान

सीबीएसई से जुड़ने का निर्णय

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को सीबीएसई से जोड़ने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में बढ़त मिलेगी और उन्हें उच्च शिक्षा व पेशेवर करियर के अवसर भी प्राप्त होंगे।


पहले चरण में 100 स्कूल

राज्य सरकार ने पहले चरण में 100 सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध करने का निर्णय लिया है। यह प्रक्रिया अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होगी। सरकार का मानना है कि इस पहल से राज्य के शिक्षा बोर्ड से जुड़े स्कूलों और सीबीएसई स्कूलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होगी, जिससे छात्रों और शिक्षकों को अपने प्रदर्शन में सुधार लाने की प्रेरणा मिलेगी।


हर विधानसभा क्षेत्र में एक स्कूल

सरकार की योजना के अनुसार, हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक सीबीएसई संबद्ध स्कूल खोला जाएगा। इससे प्रदेश के सभी क्षेत्रों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा और वह भी किफायती दरों पर। सीबीएसई पाठ्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर मान्य है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इसे सबसे उपयुक्त माना जाता है। सरकार का मानना है कि यह कदम हिमाचली छात्रों की शैक्षणिक प्रतिस्पर्धा को मजबूत करेगा।


विशेष सब-कैडर और प्रोत्साहन योजना

इस पहल को लागू करने के लिए एक अलग सब-कैडर बनाया जाएगा। शिक्षकों को इसमें शामिल होने का विकल्प दिया जाएगा। प्राचार्य, शिक्षक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों का चयन मेरिट के आधार पर किया जाएगा, जिसमें शैक्षणिक उपलब्धियां, सह-पाठ्यक्रमीय गतिविधियां और अन्य मानक देखे जाएंगे। इसके साथ ही एक प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन योजना भी शुरू की जाएगी, जिसमें मौद्रिक और गैर-मौद्रिक दोनों तरह के प्रोत्साहन दिए जाएंगे।


समग्र विकास पर जोर

सरकार चाहती है कि ये सीबीएसई स्कूल न केवल प्रदेश के लिए बल्कि पूरे देश के लिए आदर्श संस्थान बनें। इन स्कूलों को डे-बोर्डिंग संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। पढ़ाई के साथ-साथ पोषण, खेल, कला, कौशल विकास, परामर्श, करियर मार्गदर्शन और कोचिंग जैसी सुविधाओं पर भी जोर दिया जाएगा। जहां आवश्यकता होगी, वहां अतिरिक्त पद भी सृजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि यह कदम शिक्षा के परिणाम सुधारने और छात्रों के समग्र विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।