हिसार में बाढ़ संकट: बारिश से प्रभावित गांवों की स्थिति

हिसार में बाढ़ संकट
हिसार बाढ़ संकट (Hisar Flood Crisis): जिले में मंगलवार को भी बारिश का सिलसिला जारी रहा। भारी वर्षा के कारण लगभग 180 गांवों में जलभराव हो गया है। 30 से अधिक सरकारी स्कूलों के परिसर जलमग्न हो गए हैं, जिससे शिक्षा प्रभावित हो रही है। बरवाला सीएचसी में पानी भरने के कारण इसे बिचपड़ी के पीएचसी में स्थानांतरित किया जाएगा। ठंढेरी में पांच मकान गिर गए हैं। मल्टीपर्पज ड्रेन गांव पातन के पास दूसरी बार टूट गई है। पातन से रावलवास तक खेतों में पानी भर गया है। ड्रेन लगभग 20 फीट के क्षेत्र में टूटी है, प्रशासन और ग्रामीणों ने इसे भरने का कार्य शुरू किया, लेकिन देर रात तक बहाव नहीं रुका।
15 सितंबर के बाद मानसून की वापसी
15 सितंबर के बाद लौट जाएगा मानसून
मौसम प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से मानसून में सक्रियता बढ़ गई है। सोमवार को दिन का तापमान 29 डिग्री और रात का तापमान 22.7 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि सितंबर में 4-5 पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे और बंगाल की खाड़ी और अरब सागर पर दो कम दबाव के क्षेत्र बनने से बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। अगस्त की तरह सितंबर में दिन और रात का तापमान सामान्य से नीचे रहेगा।
32% अधिक बारिश
32% ज्यादा बारिश
अब तक इस मौसम में 465.7 एमएम बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश 353.5 एमएम होती है, जो सामान्य से 32% अधिक है। पूरे राज्य में 4 सितंबर तक मानसून सक्रिय रहेगा। उसके बाद, मानसून टर्फ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों की ओर बढ़ने की संभावना है। सितंबर के दूसरे सप्ताह में बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी, लेकिन कुछ स्थानों पर हल्की बारिश जारी रहेगी।
फसलों को नुकसान का खतरा
नमी ज्यादा होने से सुंडी होने का खतरा
डॉ. आरके पान, पूर्व डीन, कृषि कॉलेज, एचयू ने कहा कि बारिश के बाद जलभराव वाले क्षेत्रों में फसलों को नुकसान हो सकता है। धान की फसल में अधिक पानी से पौधों के पत्ते डूब सकते हैं, जिससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया प्रभावित होगी। कपास की फसल में बारिश से फूल गिर रहे हैं। नमी अधिक रहने से गुलाबी सुंडी का खतरा भी बढ़ गया है। सब्जियों को भी नुकसान हो सकता है।
बिजली आपूर्ति में बाधा
बिजली सर्कल में 13 लाइनें ब्रेकडाउन
बिजली सर्कल में 13 स्थानों पर फीडर यानी सप्लाई लाइंस ब्रेकडाउन हुई हैं। भाटला बिजलीघर से अब तक पानी नहीं निकाला जा सका है। यहां से जुड़े गांवों की सप्लाई वैकल्पिक लाइनों से की जा रही है। बिजली निगम के चीफ इंजीनियर और अन्य अधिकारियों ने स्थिति का निरीक्षण किया।
प्रशासन की सक्रियता
प्रशासन सतर्क, नुकसान की भरपाई का वादा
सिसाय, भाटला, खांडाखेड़ी और अन्य क्षेत्रों में भी फीडर ब्रेकडाउन हुए हैं। पानी निकालने के लिए 300 से अधिक मशीनें लगाई गई हैं। डीसी अनीश यादव ने विभिन्न गांवों में जलभराव की स्थिति का निरीक्षण किया और नुकसान की जानकारी ली।