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हिसार में रोडवेज बसों का नया संचालन: जाम से मिलेगी राहत

हिसार में रोडवेज प्रशासन ने ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए बसों के नए रूटों का संचालन शुरू किया है। इस कदम से यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी, हालांकि कुछ रूटों पर किराए में वृद्धि भी हुई है। जानें किस प्रकार यह नया निर्णय लिया गया और आगे की योजनाएं क्या हैं।
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हिसार में रोडवेज बसों का नया संचालन: जाम से मिलेगी राहत

हिसार रोडवेज बसों का नया कदम

हिसार रोडवेज बसें (Hisar): हिसार में ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए रोडवेज प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब बस स्टैंड के पिछले गेट से 18 विभिन्न रूटों पर बसों का संचालन शुरू किया गया है। इनमें सिरसा, चंडीगढ़, शिमला, पोटासाहिब, गंगानगर, बठिंडा, हनुमानगढ़, डबवाली, फतेहाबाद और अनूपगढ़ जैसे रूट शामिल हैं। इस नए मार्ग के चलते कुछ रूटों की दूरी में वृद्धि हुई है, जिसके कारण किराए में भी थोड़ा इजाफा हुआ है। इससे शहर की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।


किराए में वृद्धि का विवरण

रोडवेज के महाप्रबंधक राहुल मित्तल ने जानकारी दी कि पिछले गेट से बसों के संचालन से सिरसा रूट की दूरी 4 किलोमीटर और चंडीगढ़ रूट की दूरी 6 किलोमीटर बढ़ गई है। इस कारण सिरसा रूट का किराया 4 रुपये और चंडीगढ़ रूट का किराया 6 रुपये बढ़ा दिया गया है। हालांकि, सुविधा के लिए दोनों रूटों का किराया राउंड फिगर में 5-5 रुपये बढ़ाया गया है। उदाहरण के लिए, सिरसा का किराया 105 रुपये से बढ़कर 110 रुपये और चंडीगढ़ का किराया 320 रुपये से बढ़कर 325 रुपये हो गया है। चंडीगढ़ की एसी बस का किराया 450 रुपये से 455 रुपये, शिमला का 595 रुपये से 600 रुपये, और फतेहाबाद का 50 रुपये से 55 रुपये हो गया है। हिसार बस स्टैंड से प्रतिदिन 1,200 बसें चलती हैं, जिनमें से 600 बसें अब पिछले गेट से संचालित हो रही हैं।


कैसे लिया गया निर्णय?

लगभग 35 दिन पहले जनस्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग के मंत्री रणबीर गंगवा की अध्यक्षता में उपायुक्त कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में रोडवेज महाप्रबंधक राहुल मित्तल, ट्रैफिक मैनेजर प्रीतम सिवाच और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में बस स्टैंड के पिछले गेट से बसों के संचालन का निर्णय लिया गया। इसके बाद महाप्रबंधक ने किराए का प्रस्ताव तैयार कर रोडवेज मुख्यालय को भेजा, जहां से इसे मंजूरी मिल गई। स्थानीय रूटों में बालसमंद, भादरा, खारिया, डोबी, सरसाना, बासड़ा, बुड़ाक, बगला, काबरेल और आदमपुर की बसें भी पिछले गेट से चल रही हैं।


दिल्ली रूट का संचालन अगले चरण में

रोडवेज महाप्रबंधक राहुल मित्तल ने बताया कि अगले चरण में दिल्ली रूट की सभी बसें पिछले गेट से चलाई जाएंगी। यह प्रक्रिया एक-दो महीने बाद शुरू होगी। दिल्ली रूट में दिल्ली, तोशाम, राजली, हांसी, पानीपत, जींद, रोहतक, भिवानी, झज्जर और गुड़गांव की बसें शामिल हैं। हिसार डिपो से वर्तमान में 262 बसें चल रही हैं, जिनमें से अधिकांश लंबी दूरी की हैं, जबकि बाकी स्थानीय और ग्रामीण रूटों पर चलती हैं। पिछले गेट से बसों के संचालन से मुख्य गेट के सामने ट्रैफिक जाम में काफी कमी आएगी।