हुमायूं कबीर ने ममता बनर्जी को दी चुनौती, नई पार्टी बनाने का संकेत
हुमायूं कबीर का नया मोर्चा
मुर्शिदाबाद: पश्चिम बंगाल के विधायक हुमायूं कबीर, जिन्होंने 'बाबरी जैसी मस्जिद' बनाने का विवादास्पद ऐलान किया था, अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं। तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निलंबित होने के बाद कबीर का रुख और भी सख्त हो गया है। उन्होंने टीएमसी से इस्तीफे का इरादा जताते हुए अपनी नई पार्टी बनाने की योजना भी साझा की है। कबीर ने भविष्यवाणी की है कि ममता बनर्जी 2026 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नहीं रहेंगी।
ममता बनर्जी को सीधी चुनौती
गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए हुमायूं कबीर ने ममता बनर्जी पर सीधा हमला किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अब 'पूर्व मुख्यमंत्री' बनना होगा। कबीर ने यह भी बताया कि वह शुक्रवार को टीएमसी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देंगे और जरूरत पड़ने पर 22 दिसंबर को अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे। उनका दावा है कि उनका नया संगठन 2026 के विधानसभा चुनावों में राज्य की 294 में से 135 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा।
6 दिसंबर को मस्जिद का शिलान्यास
हुमायूं कबीर ने अपने विवादास्पद बयान पर अडिग रहते हुए कहा है कि वह 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद जिले के बेलदांगा में बाबरी मस्जिद से मिलती-जुलती मस्जिद की नींव रखेंगे। अधिकारियों का कहना है कि इस कार्यक्रम के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई है। कबीर ने चेतावनी दी है कि शिलान्यास कार्यक्रम में लाखों लोग शामिल होंगे और प्रशासन द्वारा रोकने पर नेशनल हाईवे-12 (NH-12) को जाम करने की धमकी दी है।
निलंबन और साजिश का आरोप
टीएमसी ने कबीर के विवादास्पद बयानों के कारण उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। यह निलंबन तब हुआ जब कबीर बहरामपुर में सीएम की एसआईआर (SIR) विरोधी रैली में मंच के पास बैठे थे। कबीर ने इसे 'जानबूझकर किया गया अपमान' और 'साजिश' बताया। उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार या सोमवार को विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा देंगे।
पार्टी आलाकमान की नाराजगी
सूत्रों के अनुसार, हुमायूं कबीर के बयानों से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बेहद नाराज हैं। टीएमसी नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी उनके बयानों का समर्थन नहीं करती। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने भी कबीर के फैसलों से किनारा कर लिया है।
हुमायूं कबीर का राजनीतिक सफर
हुमायूं कबीर का राजनीतिक सफर दल-बदल से भरा रहा है। वह पहले कांग्रेस, फिर टीएमसी और भाजपा में रह चुके हैं, और अब एक बार फिर अपनी अलग राह बनाने की तैयारी में हैं।
