डैनी डेन्जोंगपा: कैसे एक अभिनेता ने बीयर उद्योग में विजय माल्या को दी चुनौती?
डैनी डेन्जोंगपा की अनोखी कहानी
डैनी डेन्जोंगपा: भारत में बीयर के क्षेत्र में विजय माल्या को एक प्रमुख नाम माना जाता है, जिन्होंने बीयर को एक सामान्य पेय बना दिया। यूनाइटेड ब्रुअरीज के प्रमुख रहते हुए, उन्होंने देश में बीयर की खपत को सालाना 45 करोड़ केस तक पहुंचा दिया। लेकिन इस सफल साम्राज्य को एक अप्रत्याशित चुनौती मिली, जो आई बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता डैनी डेन्जोंगपा से।
डैनी का साहसिक कदम
2009 में, डैनी डेन्जोंगपा ने असम की बीयर वितरण एजेंसी 'राइनो एजेंसीज़' को खरीदकर विजय माल्या की योजनाओं को ध्वस्त कर दिया। इससे न केवल माल्या का उत्तर-पूर्व में प्रवेश रुक गया, बल्कि डैनी की कंपनी 'युकसोम ब्रुअरीज' क्षेत्र की प्रमुख बीयर निर्माता बन गई।
विजय माल्या का साम्राज्य
विजय माल्या का बीयर साम्राज्य: विजय माल्या ने यूनाइटेड ब्रुअरीज को भारत की सबसे बड़ी बीयर कंपनियों में से एक बना दिया। उनके नेतृत्व में बीयर की लोकप्रियता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई, और देशभर में बीयर की खपत 45 करोड़ केस प्रति वर्ष तक पहुंच गई। लेकिन उत्तर-पूर्व भारत में उनका वर्चस्व बनने से पहले ही रुक गया, और इसका श्रेय एक फिल्मी चेहरे को जाता है।
2009 में लिया गया बड़ा फैसला
विजय माल्या ने 2009 में असम की 'राइनो एजेंसीज़' को खरीदने का निर्णय लिया था ताकि उत्तर-पूर्व भारत में अपनी पकड़ मजबूत कर सकें। लेकिन डैनी डेन्जोंगपा ने तेजी से कदम उठाते हुए उस कंपनी का अधिग्रहण कर लिया। इस रणनीतिक निर्णय ने न केवल किंगफिशर के विस्तार को रोका, बल्कि युकसोम ब्रुअरीज की नींव को भी मजबूत किया।
युकसोम ब्रुअरीज की सफलता
युकसोम ब्रुअरीज की कामयाबी: राइनो एजेंसीज़ के अधिग्रहण के बाद, युकसोम ब्रुअरीज उत्तर-पूर्व भारत में तीसरी सबसे बड़ी भारतीय स्वामित्व वाली ब्रुअरी बन गई, किंगफिशर और किमाया के बाद। सिक्किम एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह ब्रुअरी हर साल स्थानीय अर्थव्यवस्था में लगभग ₹100 करोड़ का योगदान करती है और लगभग 250 स्थानीय लोगों को रोजगार देती है।
डैनी का ब्रूअिंग सफर
बीयर उद्योग में डैनी का लंबा सफर: डैनी डेन्जोंगपा का ब्रूअिंग में सफर 1987 में शुरू हुआ। 2005 में, उन्होंने अपनी ब्रुअरी का नाम अपने गृहनगर के नाम पर 'युकसोम ब्रुअरीज' रखा। इसके बाद, उन्होंने उड़ीसा में 'डेन्जोंग ब्रुअरीज' की स्थापना की और असम में राइनो एजेंसीज़ का अधिग्रहण किया। वर्तमान में, युकसोम ब्रुअरीज की वार्षिक उत्पादन क्षमता 6.8 लाख हेक्टोलिटर है, जो किंगफिशर और किमाया के बाद तीसरे स्थान पर आती है।
एक्टर से उद्योगपति तक का सफर
एक्टर से उद्योगपति तक डैनी का सफर: 1948 में सिक्किम में जन्मे त्शेरिंग फिंत्सो डेन्जोंगपा, जिन्हें डैनी के नाम से जाना जाता है, ने 1971 में 'ज़रूरत' फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की। वे 'लव स्टोरी', 'अग्निपथ', 'घातक' और 'खुदा गवाह' जैसी हिट फिल्मों का हिस्सा रह चुके हैं। व्यवसाय में सफलता के बावजूद, वे अभिनय से दूर नहीं हुए और चुनिंदा फिल्मों में अब भी नजर आते हैं। हाल के वर्षों में, उन्होंने 'बेबी', 'नाम शबाना' और 'ऊंचाई' जैसी फिल्मों में दमदार भूमिकाएं निभाई हैं।