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10 वर्षीय अजय ने चंबल नदी में पिता की जान बचाई

आगरा के झरनापुरा गांव में 10 वर्षीय अजय ने अपने पिता को चंबल नदी में मगरमच्छ के हमले से बचाने की अद्भुत साहसिकता दिखाई। इस घटना ने न केवल परिवार को बल्कि पूरे गांव को प्रभावित किया है। बंटू, अजय के पिता, गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है। गांव में मगरमच्छों की बढ़ती संख्या को लेकर सुरक्षा की मांग उठ रही है। जानें इस प्रेरणादायक कहानी के बारे में और अधिक।
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10 वर्षीय अजय ने चंबल नदी में पिता की जान बचाई

चंबल नदी का नन्हा हीरो: पिता पर हमला

आगरा के पास चंबल नदी में दिल दहला देने वाली घटना: आगरा के निकट चंबल नदी के किनारे एक 10 वर्षीय लड़के अजय ने अपने पिता की जान को मगरमच्छ से बचाने की अद्भुत साहसिकता दिखाई।


25 जुलाई 2025 की दोपहर, 35 वर्षीय बंटू, जिसे वीरभान भी कहा जाता है, पानी भरने के लिए चंबल नदी के पास गए थे। अचानक, एक मगरमच्छ ने उन पर हमला कर दिया और उनके पैर को अपने जबड़े में जकड़ लिया, जिससे वह पानी में खींचने लगा।


अजय का अद्वितीय साहस

नन्हे अजय ने दिखाई बहादुरी


इस संकट के समय, 10 साल का अजय हाथ में डंडा लेकर सामने आया। उसने बिना किसी डर के मगरमच्छ पर जोरदार वार किए। लगभग 20 मिनट तक पिता और पुत्र ने मगरमच्छ का सामना किया। अंततः अजय की हिम्मत रंग लाई, और मगरमच्छ बंटू को छोड़कर भाग गया। बंटू घायल अवस्था में किनारे पर पहुंच गए।


पिता का इलाज जारी

मगरमच्छ के हमले से बंटू के पैर में गंभीर चोटें आई हैं। उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाह में भर्ती कराया गया, और बाद में आगरा जिला अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को गंभीर बताया है। इस घटना की जांच के लिए वन विभाग और पुलिस सक्रिय हैं।


प्रशासन से सुरक्षा की मांग

झरनापुरा और आसपास के गांवों में मगरमच्छों की बढ़ती संख्या के कारण भय का माहौल है। जून 2025 में भगवानपुरा गांव में एक वृद्ध महिला पर भी मगरमच्छ ने हमला किया था। ग्रामीणों ने नदी किनारे चेतावनी बोर्ड लगाने, सुरक्षा उपायों को सख्त करने और मगरमच्छों को पकड़ने की मांग की है।


चंबल नदी के इस नन्हे हीरो अजय ने अपने पिता को मगरमच्छ के चंगुल से बचाकर एक अद्भुत साहस का परिचय दिया। बंटू की गंभीर स्थिति के बीच, इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को लागू करने की मांग तेज हो गई है।