317 साल पुराना खजाना: स्पेनिश गैलियन जहाज 'सैन जोस' की खोज ने बढ़ाई विवाद की लहर

समुद्र की गहराइयों में छिपा खजाना
समुद्र की गहराइयों में छिपा एक 317 साल पुराना रहस्य अब उजागर हो चुका है। हाल ही में एक अंडरवाटर ड्रोन ने उस स्पेनिश गैलियन जहाज 'सैन जोस' का पता लगाया है, जो 1708 में डूब गया था। यह खोज कोलंबिया के कार्टाजेना तट के पास बारू द्वीप के समीप हुई है। सैन जोस को दुनिया का सबसे मूल्यवान डूबा जहाज माना जाता है, जिसमें 200 टन सोना, चांदी और हीरे-जवाहरात भरे हुए थे।
इस खजाने का अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 16 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो भारतीय मुद्रा में लगभग 1.75 लाख करोड़ रुपए के बराबर है। जहाज में 1707 के लीमा मिंट के सोने के सिक्के, चीनी मिट्टी के बर्तन, और 1665 की कांस्य तोपें भी पाई गई हैं। हर सिक्के का वजन लगभग 27 ग्राम है। यह खजाना उस समय पेरू से स्पेन ले जाया जा रहा था, जिसका उद्देश्य स्पेन के उत्तराधिकार को लेकर चल रहे युद्ध में धन जुटाना था। लेकिन ब्रिटेन की नौसेना ने सैन जोस को रास्ते में ही डुबो दिया था.
दावेदारी का विवाद
कई देशों और कंपनियों के बीच दावेदारी
अब जब यह ऐतिहासिक खोज सामने आई है, तो इसके लिए अंतरराष्ट्रीय विवाद भी शुरू हो गया है। स्पेन, पेरू, और कोलंबिया जैसे देशों के साथ-साथ ग्लोका मोरा और समुद्री खोज कंपनी आर्मडा जैसी निजी संस्थाएं भी इस खजाने पर अपना हक जता रही हैं।
- ग्लोका मोरा का दावा है कि उसने 1981 में ही जहाज की लोकेशन का पता लगा लिया था।
- आर्मडा कंपनी ने इस खजाने के 50% हिस्से की कानूनी मांग की है।
- कोलंबियाई सरकार ने 2020 में एक कानून पारित कर इस जहाज पर पूर्ण दावा जताया है।
- स्पेन की सरकार का तर्क है कि चूंकि जहाज स्पेन जा रहा था, इसलिए उसका मालिकाना हक स्पेन को ही है।
कानूनी लड़ाई की संभावना
कानूनी लड़ाई का संकेत
इस खजाने की खोज से मिली खुशी के साथ-साथ अब कानूनी और राजनयिक टकराव की आशंका भी बढ़ गई है। इतिहास, राजनीति और अरबों की दौलत का यह मिश्रण आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस अद्भुत खजाने का असली मालिक कौन बनता है।