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Donald Trump ने Joe Biden पर कसा तंज, H-1B वीजा नियमों में बदलाव की घोषणा

डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडेन पर तीखी टिप्पणियाँ की हैं, उन्हें 'मूर्ख' और 'बेरहम' बताया। ट्रंप ने H-1B वीजा के लिए नए नियमों की घोषणा की, जिसमें वार्षिक शुल्क बढ़ाया गया है। भारत ने इस निर्णय पर चिंता जताई है, यह कहते हुए कि इससे मानवीय और पारिवारिक प्रभाव पड़ सकते हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और भारत की प्रतिक्रिया क्या है।
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Donald Trump ने Joe Biden पर कसा तंज, H-1B वीजा नियमों में बदलाव की घोषणा

ट्रंप की तीखी टिप्पणियाँ

Donald Trump: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडेन पर कड़ी आलोचना की है। ट्रंप ने बाइडेन को 'मूर्ख, बेरहम और मोटा' करार देते हुए उन पर लंबे समय से चली आ रही नकारात्मक टिप्पणियों को दोहराया। उन्होंने कहा कि बाइडेन हमेशा से एक बुरे इंसान रहे हैं और वर्तमान में उनकी स्थिति ठीक नहीं है। जब आप उनके प्रति सहानुभूति दिखाएं, तो याद रखें कि वे एक बुरा आदमी हैं। इस दौरान दर्शकों की प्रतिक्रियाओं ने ट्रंप के हमलों को और भी प्रबल बना दिया।


नीतियों पर कड़ी प्रतिक्रिया

ट्रंप की आलोचना केवल व्यक्तिगत नहीं थी, बल्कि उन्होंने बाइडेन की नीतियों को भी कठोर शब्दों में खारिज किया। उनका कहना था कि बाइडेन के निर्णय अमेरिका के लिए विनाशकारी साबित हो रहे हैं। ट्रंप ने कहा, 'गरीब जो' लेकिन बाइडेन कभी गरीब नहीं रहे। वे निर्दयी और भ्रष्ट हैं, और उनकी नीतियां अमेरिका को बर्बाद कर रही हैं।


H-1B वीजा पर ट्रंप का नया आदेश

H-1B वीजा के नए नियम

शनिवार को ट्रंप ने H-1B वीजा के लिए नए नियमों की घोषणा की। नए आदेश के अनुसार, H-1B वीजा की नई याचिकाओं पर वार्षिक $1,00,000 का शुल्क लागू होगा। इसके साथ ही, ट्रंप ने $10 लाख का निवेश करने वाले विदेशी नागरिकों के लिए गोल्ड कार्ड वीजा योजना की शुरुआत की, जो उन्हें अमेरिकी नागरिकता का मार्ग प्रशस्त करेगी।


भारत की चिंता

भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने ट्रंप के इस निर्णय पर चिंता व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस कदम के मानवीय और पारिवारिक प्रभाव हो सकते हैं। मंत्रालय ने आशा जताई कि अमेरिकी प्रशासन इन बाधाओं का उचित समाधान करेगा। MEA प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा कि भारत ने H-1B वीजा कार्यक्रम पर प्रस्तावित प्रतिबंधों से संबंधित रिपोर्ट देखी है और इस कदम के प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत और अमेरिका के उद्योगों और प्रतिभाओं का आदान-प्रदान तकनीकी विकास, नवाचार और आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देता है। नीति निर्माता इन कदमों के द्विपक्षीय लाभों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेंगे, जिसमें दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत रिश्ते शामिल हैं।