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H-1B वीजा: अमेरिका में भारतीय पेशेवरों के लिए नई चुनौतियाँ

H-1B वीजा, जो भारतीय युवाओं और पेशेवरों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, अब नए विवादों का सामना कर रहा है। अमेरिका द्वारा आवेदन शुल्क में भारी वृद्धि ने इस वीजा को आम लोगों की पहुंच से बाहर कर दिया है। जानें इस वीजा की प्रक्रिया, नियम और इसके पीछे का कारण।
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H-1B वीजा: अमेरिका में भारतीय पेशेवरों के लिए नई चुनौतियाँ

H-1B वीजा का परिचय

H-1B वीजा: अमेरिका का H-1B वीजा भारतीय युवाओं और पेशेवरों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प रहा है। यह वीजा उन विदेशी श्रमिकों को दिया जाता है, जिनके पास किसी विशेष क्षेत्र में उच्च कौशल है और जिन्हें अमेरिकी कंपनियों द्वारा नौकरी के लिए आमंत्रित किया जाता है। हाल ही में, इस वीजा को लेकर एक नया विवाद उत्पन्न हुआ है, जब अमेरिका ने आवेदन शुल्क में भारी वृद्धि की घोषणा की।


H-1B वीजा की विशेषताएँ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया है कि अब H-1B वीजा के लिए हर साल लगभग $100,000 (लगभग 88 लाख रुपये) का शुल्क लिया जाएगा। इससे यह सवाल उठता है कि H-1B वीजा क्या है, किसे दिया जाता है और इसकी प्रक्रिया क्या है।


H-1B वीजा की प्रक्रिया

H-1B वीजा क्या है?


H-1B वीजा एक गैर-प्रवासी (Non-Immigrant) वीजा है, जिसे 1990 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश द्वारा शुरू किया गया था। इसे इमीग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट की धारा 101 (A)(15)(H) के तहत लागू किया गया। यह वीजा आमतौर पर उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जो आईटी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, वित्त और अन्य उच्च कौशल वाले क्षेत्रों में कार्य करने के लिए अमेरिका आते हैं।


वीजा की अवधि और नियम


H-1B वीजा सामान्यतः 3 वर्षों के लिए वैध होता है, जिसे अधिकतम 6 वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है। इस अवधि के बाद, आवेदक अमेरिका की नागरिकता या ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है। इस वीजा पर धारक अपने पति/पत्नी और बच्चों को भी अमेरिका ले जा सकता है।


Kौन कर सकता है आवेदन?



  • आवेदक के पास अमेरिकी बैचलर डिग्री या समकक्ष विदेशी डिग्री होनी चाहिए।

  • आवेदक को उस नौकरी में कुशल होना चाहिए, जिसके लिए उसे बुलाया गया है।

  • कम से कम 40 लाख रुपये सालाना वेतन का प्रस्ताव होना आवश्यक है।

  • आवेदन सीधे व्यक्ति द्वारा नहीं, बल्कि कंपनी की ओर से किया जाता है।


आवेदन प्रक्रिया



  1. सबसे पहले DS-160 ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा।

  2. इसके बाद डिजिटल फोटो और बायोमीट्रिक जानकारी प्रदान करनी होती है।

  3. वीज़ा शुल्क का भुगतान बैंक ट्रांसफर या नकद जमा के माध्यम से किया जा सकता है।

  4. आवेदन के बाद आवेदक को दो अपॉइंटमेंट लेने होते हैं: पहला बायोमीट्रिक के लिए और दूसरा अमेरिकी दूतावास में इंटरव्यू के लिए।

  5. इंटरव्यू के दौरान पासपोर्ट, फीस रसीद, आवेदन पत्र और नौकरी से संबंधित दस्तावेज साथ ले जाना आवश्यक है।


विवाद का कारण


फीस में की गई भारी वृद्धि ने इस वीजा को आम लोगों की पहुंच से बाहर कर दिया है। पहले से ही यह वीजा लकी ड्रॉ सिस्टम (लॉटरी) के माध्यम से मिलता है और हर साल सीमित संख्या में जारी होता है। अब नई शर्तों और शुल्क ने भारतीय पेशेवरों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है।