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India-US व्यापार वार्ता: नई उम्मीदें और संभावित समझौते

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में नई उम्मीदें जगी हैं। न्यूयॉर्क में चल रही प्रारंभिक बैठक में सकारात्मक संकेत मिले हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में मजबूती की संभावना है। हाल ही में नई दिल्ली में हुई बैठक के बाद, अधिकारियों ने प्रक्रिया को तेज करने की प्रतिबद्धता जताई है। हालांकि, वार्ता में कुछ बाधाएं भी हैं, जैसे कि कच्चे तेल पर शुल्क। यदि वार्ता सफल रहती है, तो साल के अंत तक क्वाड शिखर सम्मेलन की संभावना है। जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता के सभी पहलुओं के बारे में।
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India-US व्यापार वार्ता: नई उम्मीदें और संभावित समझौते

India-US Trade Talks: नई दिशा में बढ़ती वार्ता

India-US trade talks: अमेरिकी प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, न्यूयॉर्क में भारत के व्यापार प्रतिनिधियों और अमेरिकी अधिकारियों के बीच चल रही प्रारंभिक बैठक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। यह बैठक कई महीनों से रुकी हुई वार्ता को फिर से सक्रिय करने का प्रयास है। इस वार्ता में भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और प्रमुख वार्ताकार राजेश अग्रवाल ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर से मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक संकेत उत्साहजनक हैं और दोनों पक्ष बाधाओं को पार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.


नई दिल्ली की पिछली बैठक का प्रभाव

नई दिल्ली की पिछली बैठक का प्रभाव

यह बैठक हाल ही में नई दिल्ली में अमेरिकी अधिकारी ब्रेंडन लिंच और भारत के मुख्य व्यापार वार्ताकार राजेश अग्रवाल के बीच हुई बातचीत के बाद हुई है। उस बैठक में दोनों देशों ने प्रक्रिया को तेज करने और मुख्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की प्रतिबद्धता जताई थी। अधिकारियों ने यह भी कहा कि निकट भविष्य में एक अंतरिम समझौते पर पहुंचने की संभावना है, जिससे द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों में मजबूती आएगी.


वार्ता में बाधाएं

वार्ता में बाधाएं

अमेरिका द्वारा रूस से भारतीय कच्चे तेल के आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने के कारण वार्ता में रुकावट आई थी, जिससे भारतीय निर्यात पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत तक पहुंच गया। इसी कारण छठा दौर, जो 25 अगस्त को होना था, स्थगित कर दिया गया। इसके बाद, यूएसटीआर की एक टीम ने 16 सितंबर को नई दिल्ली का दौरा किया, जिससे इस हफ्ते न्यूयॉर्क में होने वाली बैठकों का रास्ता साफ हो गया.


साल के अंत तक संभावित शिखर सम्मेलन

साल के अंत तक संभावित शिखर सम्मेलन

अधिकारी बताते हैं कि यदि वार्ता सकारात्मक रहती है, तो साल के अंत तक क्वाड शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा सकता है। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि विदेश विभाग ने ट्रंप की संभावित भारत यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत कर सकता है.


मुख्य मुद्दे: टैरिफ और वीजा शुल्क

मुख्य मुद्दे: टैरिफ और वीजा शुल्क

अमेरिका और भारत के बीच सबसे पेचीदा मुद्दा भारी टैरिफ और एच-1बी वीजा शुल्क में हालिया बढ़ोतरी रही है। इसके बावजूद, अमेरिकी प्रशासन इस पर आम सहमति बनाने के लिए तैयार दिख रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एनबीसी को बताया कि अमेरिका भारत के कदमों को पहले ही देख चुका है और अब इसे ठीक करने की उम्मीद है। उन्होंने यूरोप पर रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों को लागू करने का ज़ोर देते हुए समझौतावादी रुख अपनाने का संकेत भी दिया.


संयुक्त राष्ट्र महासभा के अवसर पर रणनीति

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अवसर पर रणनीति

संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रुबियो से मुलाकात की और दोनों पक्षों ने व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए व्यापक रणनीतिक संरेखण पर चर्चा की। इस मुलाकात ने यह संकेत दिया कि दोनों देशों के बीच न केवल व्यापारिक मुद्दे बल्कि सामरिक साझेदारी भी प्रगति की दिशा में हैं.