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IPS अंजना कृष्णा: साहस और दृढ़ता की मिसाल

IPS अंजना कृष्णा की कहानी साहस और दृढ़ता की मिसाल है। जब उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को फोन पर पहचानने से इनकार किया, तो यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। अंजना की पृष्ठभूमि पत्रकारिता और गणित में है, और उन्होंने UPSC परीक्षा में उत्कृष्टता हासिल की है। उनके परिवार की साधारण पृष्ठभूमि और सिविल सेवा में शामिल होने का सपना उनके संघर्ष को और भी प्रेरणादायक बनाता है। जानें उनके बारे में और भी रोचक तथ्य।
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IPS अंजना कृष्णा के बारे में रोचक तथ्य

IPS अंजना कृष्णा की कहानी: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को फोन पर पहचानने से इनकार करने वाली आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा को उनके साहस के लिए सराहा जा रहा है। जब वह अवैध उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची थीं, तब वहां उपस्थित लोगों ने पुलिस से बहस शुरू कर दी। एक व्यक्ति ने सीधे उपमुख्यमंत्री को फोन किया। अंजना ने पूछा, "कौन बोल रहा है?" जवाब मिला, "मैं उपमुख्यमंत्री अजित पवार बोल रहा हूं। क्या आप मुझे नहीं पहचानतीं? अपना नंबर दीजिए, मैं आपको वीडियो कॉल करता हूं।" इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है।


IPS अधिकारी अंजना कृष्णा का बैकग्राउंड

शिक्षा और करियर


2023 बैच की आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा की पृष्ठभूमि पत्रकारिता और गणित में है। उन्होंने तिरुवनंतपुरम के एनएसएस महिला कॉलेज से गणित में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। अंजना ने 2022-2023 UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया स्तर पर 355वीं रैंक हासिल की। उन्होंने अंग्रेजी माध्यम से परीक्षा उत्तीर्ण की और मलयालम साहित्य को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना। सिविल सेवा में करियर शुरू करने से पहले, उन्होंने एक प्रमुख मलयालम दैनिक में समाचार रिपोर्टर के रूप में इंटर्नशिप की थी।


अंजना कृष्णा के परिवार के बारे में

परिवार की पृष्ठभूमि


अंजना कृष्णा का जन्म केरल के तिरुवनंतपुरम में एक साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता विजू एक छोटे व्यवसायी हैं और मां सीना एक कचहरी में टाइपिस्ट हैं। अंजना ने 12वीं कक्षा से ही सिविल सेवा में शामिल होने का सपना देखा था, जिसे उन्होंने कड़ी मेहनत से पूरा किया। वर्तमान में, वह महाराष्ट्र के सोलापुर में डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं।


डिप्टी सीएम पवार का बयान

वीडियो वायरल होने पर प्रतिक्रिया


वायरल वीडियो पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि उनका उद्देश्य कानून प्रवर्तन में हस्तक्षेप करना नहीं था, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि स्थिति शांत रहे। उन्होंने अपने पुलिस बल और अधिकारियों का सम्मान करते हुए कहा कि वह पारदर्शी शासन के लिए प्रतिबद्ध हैं और अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।