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Malegaon Blast Case: NIA Court Acquits All Accused, Sparks Political Controversy

The NIA court's recent decision to acquit all accused in the Malegaon blast case has ignited a political firestorm. While the court confirmed the occurrence of the blast, it found insufficient evidence to link the accused to the crime. This ruling has left victims and their families disheartened, as political leaders from BJP and AIMIM engage in a heated debate over the implications of the verdict. Amit Malviya of BJP criticized the narrative of 'Hindu terrorism,' while AIMIM's Asaduddin Owaisi expressed disappointment over the investigation's integrity. The fallout from this decision raises critical questions about accountability and justice in high-profile cases.
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Malegaon Blast Case: NIA Court Acquits All Accused, Sparks Political Controversy

Malegaon Blast Case Update

Malegaon Blast Case: मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए सभी आरोपियों को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया है. अदालत ने यह स्पष्ट किया कि विस्फोट की घटना तो प्रमाणित है, लेकिन यह साबित नहीं हो सका कि मोटरसाइकिल में बम रखा गया था. इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं, और पीड़ितों को न्याय की उम्मीदें एक बार फिर अधूरी रह गईं.


इस निर्णय के बाद भारतीय जनता पार्टी और ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM) के नेताओं के बीच सोशल मीडिया पर तीखी बहस शुरू हो गई है. भाजपा के अमित मालवीय ने इस फैसले को 'हिंदू आतंकवाद' की थ्योरी पर करारा प्रहार बताया, जबकि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे न्याय का मजाक करार दिया और जांच की गुणवत्ता पर सवाल उठाए.


Amit Malviya's Response

अमित मालवीय का हमला


भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अदालत के फैसले के बाद एक्स पर लिखा, 'हिंदू कभी आतंकी नहीं हो सकता. कांग्रेस ने केवल वोटबैंक की राजनीति के लिए भगवा आतंकवाद का झूठा नैरेटिव गढ़ा और निर्दोषों पर फर्जी केस थोपे.' उन्होंने आगे कहा, 'साफ है कांग्रेस ने एक साजिश रची थी. सोनिया गांधी, पी. चिदंबरम और सुशीलकुमार शिंदे जैसे नेताओं को सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए. सनातन धर्म पवित्र है. हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता. गर्व से कहो हम हिंदू हैं.'


Owaisi's Concerns

ओवैसी का सवाल


AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए एक्स पर लिखा, 'मालेगांव विस्फोट मामले का फैसला निराशाजनक है. विस्फोट में छह नमाजी मारे गए और लगभग 100 घायल हुए. उन्हें उनके धर्म के कारण निशाना बनाया गया. जानबूझकर की गई घटिया जांच/अभियोजन पक्ष ही बरी होने के लिए जिम्मेदार है.' उन्होंने आगे सवाल किया, 'विस्फोट के 17 साल बाद, अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. क्या मोदी और फडणवीस सरकारें इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगी, जिस तरह उन्होंने मुंबई ट्रेन विस्फोटों में आरोपियों को बरी करने पर रोक लगाने की मांग की थी? क्या महाराष्ट्र के 'धर्मनिरपेक्ष' राजनीतिक दल जवाबदेही की मांग करेंगे? उन छह लोगों की हत्या किसने की?'


Investigation and BJP MP's Statement

जांच और भाजपा सांसद का बयान


ओवैसी ने दिवंगत एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे को याद करते हुए लिखा, 'करकरे ने मालेगांव में हुई साजिश का पर्दाफाश किया था और दुर्भाग्य से 26/11 के हमलों में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा मारे गए. भाजपा सांसद ने सार्वजनिक रूप से कहा कि उन्होंने करकरे को श्राप दिया था और उनकी मृत्यु उसी श्राप का परिणाम थी.'


'क्या एनआईए/एटीएस अधिकारियों को उनकी दोषपूर्ण जांच के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा? मुझे लगता है कि हम इसका उत्तर जानते हैं. यह 'आतंकवाद के विरुद्ध कठोर' मोदी सरकार है. दुनिया याद रखेगी कि इसने एक आतंकवाद के आरोपी को सांसद बनाया.'