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Microsoft की नई छंटनी: 9,100 कर्मचारियों की नौकरी पर संकट

Microsoft ने अपने वैश्विक वर्कफोर्स में से लगभग 9,100 कर्मचारियों की छंटनी करने का निर्णय लिया है। यह कदम आर्थिक अनिश्चितता और लागत में कटौती के चलते उठाया गया है। पहले भी कंपनी ने बड़े पैमाने पर छंटनी की है, और इस बार सेल्स और मार्केटिंग विभाग पर सबसे अधिक असर पड़ने की संभावना है। जानें इस छंटनी के पीछे के कारण और कंपनी की भविष्य की योजनाओं के बारे में।
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Microsoft की नई छंटनी: 9,100 कर्मचारियों की नौकरी पर संकट

Microsoft की छंटनी का नया दौर

प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी Microsoft एक बार फिर से बड़े पैमाने पर छंटनी कर रही है। कंपनी अपने वैश्विक कर्मचारियों का लगभग 4% यानी करीब 9,100 लोगों को नौकरी से निकालने का निर्णय लिया है। यह कदम 2023 के बाद से Microsoft की सबसे बड़ी छंटनी मानी जा रही है। Seattle Times की रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय आर्थिक अस्थिरता और लागत में कमी के कारण लिया गया है.


कर्मचारियों की संख्या में कमी

कंपनी के पास जून 2024 तक 2.28 लाख से अधिक कर्मचारी थे। हालांकि, इस छंटनी के संबंध में Microsoft की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन, ब्लूमबर्ग न्यूज ने पहले ही बताया था कि कंपनी सेल्स विभाग से हजारों कर्मचारियों की छुट्टी करने की योजना बना रही है.


पिछली छंटनी का इतिहास

यह पहली बार नहीं है जब Microsoft ने बड़े पैमाने पर छंटनी की है। मई 2025 में भी कंपनी ने लगभग 6,000 कर्मचारियों को निकाल दिया था। इसके तुरंत बाद जून में 300 से अधिक कर्मचारियों की भी नौकरी चली गई थी। यह आंकड़ा ब्लूमबर्ग द्वारा वॉशिंगटन स्टेट सरकार को दी गई जानकारी पर आधारित है.


सेल्स और मार्केटिंग पर प्रभाव

इस बार की छंटनी का सबसे अधिक प्रभाव सेल्स और मार्केटिंग विभाग पर पड़ेगा। ये टीमें सीधे ग्राहकों से जुड़ी होती हैं। जून 2024 तक कंपनी की सेल्स और मार्केटिंग टीम में लगभग 45,000 कर्मचारी कार्यरत थे, जो Microsoft की कुल कार्यबल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। माना जा रहा है कि कंपनी अब इस विभाग के पुनर्गठन की योजना बना रही है.


आउटसोर्सिंग की दिशा में कदम

Microsoft ने अप्रैल 2025 में संकेत दिया था कि वह छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए सॉफ्टवेयर सेल्स का काम थर्ड पार्टी एजेंसियों को आउटसोर्स करेगी। इससे स्पष्ट होता है कि कंपनी अपने सेल्स नेटवर्क को फिर से आकार देने की तैयारी कर रही है.


आर्थिक दबाव का असर

विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक मंदी के डर, बाजार में अनिश्चितता और तेजी से बदलती कारोबारी रणनीतियों के कारण टेक कंपनियां खर्चों में कटौती कर रही हैं। Microsoft का यह कदम भी इसी दिशा में देखा जा रहा है, जिससे उसे दीर्घकालिक लागत में राहत मिल सके.