PM Modi की अमेरिका यात्रा: क्या व्यापारिक तनाव को सुलझा पाएंगे?

प्रधानमंत्री मोदी की संभावित अमेरिका यात्रा
PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भाग लेने के लिए अमेरिका जाने की योजना बना रहे हैं। इस यात्रा के दौरान उनकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात होने की संभावना है। यह बैठक भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव को हल करने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित हो सकती है। यूएन महासभा का शिखर सम्मेलन सितंबर में न्यूयॉर्क में आयोजित होगा, जिसमें वैश्विक नेताओं का आगमन 23 सितंबर से शुरू होगा।
मोदी और ट्रम्प के बीच उच्चस्तरीय वार्ता
सूत्रों के अनुसार, मोदी ट्रम्प के अलावा यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की और अन्य नेताओं के साथ भी महत्वपूर्ण वार्ता कर सकते हैं। मोदी और ट्रम्प के बीच पहले कार्यकाल में अच्छे संबंध बने थे, लेकिन हाल के वर्षों में टैरिफ और व्यापार विवादों ने इन संबंधों में तनाव पैदा किया है।
व्यापार समझौते पर गतिरोध
दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर गतिरोध
वर्तमान में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर गतिरोध बना हुआ है। अमेरिका चाहता है कि भारत कृषि और डेयरी क्षेत्र को अधिक खुला रखे, जबकि भारत इस मामले में सतर्क है। इसी बीच, ट्रम्प ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया है और रूस से तेल खरीद जारी रखने के कारण अतिरिक्त 25% शुल्क भी लगाया है। इस प्रकार कुल शुल्क 50% तक पहुंच गया है, जिसमें से आधा 7 अगस्त से लागू हो चुका है और बाकी 27 अगस्त से लागू होगा। इस समय सीमा से पहले दोनों देश समझौते पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.
भारत पर अमेरिका की आलोचना
अमेरिका ने की भारत की आलोचना
एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा रूस से तेल आयात है, जिस पर अमेरिका ने भारत की आलोचना की है। व्हाइट हाउस का मानना है कि यह खरीदारी यूक्रेन में रूस के युद्ध को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। ट्रम्प भारत पर दबाव डाल रहे हैं कि वह रूस से तेल आयात कम करे, जबकि भारत ने इसका कड़ा प्रतिवाद किया है.
भारत अब 15 अगस्त को होने वाली ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक पर नज़र रखेगा, जिसमें तीन साल से जारी संघर्ष को समाप्त करने के संभावित समाधान पर चर्चा हो सकती है। इस यात्रा के दौरान मोदी का उद्देश्य न केवल वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को मजबूत करना होगा, बल्कि अमेरिका के साथ जटिल होते व्यापारिक और कूटनीतिक समीकरणों को संतुलित करना भी रहेगा.