RCB की जीत का जश्न: चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भयानक भगदड़

दिव्यांशी का सपना टूटा
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की आईपीएल जीत का जश्न मनाने के लिए 9वीं कक्षा की छात्रा दिव्यांशी अपने परिवार के साथ चिन्नास्वामी स्टेडियम पहुंची। वह अपनी मां और मौसी के साथ दोपहर लगभग 3 बजे स्टेडियम के गेट नंबर 15 पर पहुंची, जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। जश्न का माहौल था, लेकिन थोड़ी ही देर में स्थिति बिगड़ गई।
अराजकता का मंजर
गेट पर धक्का-मुक्की शुरू हो गई, और लाखों लोग एक साथ अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे। इसी अफरातफरी में 14 वर्षीय दिव्यांशी का सिर लोहे की बैरिकेड से टकरा गया, जिससे वह ज़मीन पर गिर पड़ी। उसकी मां और मौसी ने तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वहां समय पर इलाज नहीं मिल सका और उसकी मौत हो गई।
पिता की पीड़ा और आरोप
दिव्यांशी के पिता शिवकुमार ने आंसू भरी आंखों से बताया कि मोबाइल नेटवर्क जाम होने के कारण वे आपात स्थिति में किसी से संपर्क नहीं कर सके। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि स्टेडियम के बाहर प्राथमिक चिकित्सा की कोई व्यवस्था नहीं थी और न ही एम्बुलेंस उपलब्ध थी। जब वे अस्पताल पहुंचे, तो वहां के स्टाफ ने उनकी बेटी को छूने से भी परहेज किया। "मेरी पत्नी ने खुद उसे CPR दिया," उन्होंने कहा।
प्रशासन पर उठे सवाल
शिवकुमार ने आयोजन की अव्यवस्था और प्रशासन की लापरवाही की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यदि यह कोई राजनीतिक रैली होती, तो प्रशासन पूरी तैयारी करता। उन्होंने सवाल उठाया कि जब स्टेडियम की क्षमता 35,000 है, तो लाखों लोगों के लिए सुरक्षा और चिकित्सा इंतजाम क्यों नहीं किए गए?
दुर्घटना के अन्य पीड़ित
दिव्यांशी अकेली नहीं थी, जो इस हादसे का शिकार हुई। गेट नंबर 15 और एक अन्य प्रवेश द्वार पर मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और 47 लोग घायल हुए। मृतकों में किशोर, युवक और महिलाएं शामिल थीं, जिनकी उम्र 13 से 33 साल के बीच थी।
सरकारी कार्यक्रम का प्रभाव
राज्य सरकार द्वारा विधान सौधा में आयोजित टीम के सम्मान समारोह के कारण पुलिस बल का एक बड़ा हिस्सा वहां तैनात था। इस वजह से चिन्नास्वामी स्टेडियम में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल नहीं पहुंच सका। सुरक्षा की यह असमान वितरण भी दुर्घटना का एक बड़ा कारण बन गया।
जिम्मेदारी का सवाल
इस त्रासदी ने राज्य सरकार की तैयारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना योजना और नियंत्रण के इस आयोजन ने एक हर्षोल्लास के अवसर को दुःखद अंत में बदल दिया।