RCB की विजय परेड में सुरक्षा चूक: 11 की मौत, परिवारों को मिलेगी मदद

RCB की विजय परेड में सुरक्षा की कमी
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने 4 जून को आईपीएल 2025 में पंजाब किंग्स को हराकर खिताब जीतने के बाद विजय परेड का आयोजन किया। हालांकि, इस कार्यक्रम के लिए पुलिस से अनुमति नहीं ली गई थी। सूत्रों के अनुसार, टीम प्रबंधन ने 3 जून को बेंगलुरु पुलिस से संपर्क किया, लेकिन उन्हें आधिकारिक अनुमति नहीं मिली।
क्या आरसीबी ने पुलिस से समन्वय नहीं किया?
जानकारी के अनुसार, आरसीबी ने बिना पुलिस से समन्वय किए सोशल मीडिया पर परेड की घोषणा कर दी, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग विधान सौधा और एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम पर इकट्ठा हो गए। वायरल ट्वीट को लाखों लोगों ने देखा, जिससे अचानक भीड़ बढ़ गई।
पुलिस ने आरसीबी को 4 जून को कार्यक्रम को स्थगित करने की सलाह दी थी, लेकिन टीम ने उसी दिन परेड का आयोजन जारी रखा। टीम के आधिकारिक अकाउंट से "निःशुल्क पास" का प्रचार किया गया, जिससे और अधिक लोग बिना पंजीकरण के पहुंचने लगे। बाद में पुलिस ने निर्देश दिया कि प्रवेश के लिए कम से कम एक पंजीकरण प्रक्रिया होनी चाहिए।

सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने 2 जून को परेड आयोजित करने का सुझाव दिया था ताकि सुरक्षा तैयारियों के लिए समय मिल सके, लेकिन इस सुझाव को नजरअंदाज कर दिया गया। 3 जून की रात तक पुलिसकर्मी सड़कों पर तैनात रहे और सुबह 4 बजे तक भीड़ को नियंत्रित करने में जुटे रहे।
मृतक के परिवार को ₹10 लाख की सहायता
भीड़भाड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई। इस घटना के बाद सरकार को अव्यवस्था और प्रशंसकों की सुरक्षा को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ा। आरसीबी ने हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को ₹10 लाख की सहायता देने और घायलों के लिए सहायता कोष स्थापित करने की घोषणा की है। विजय जश्न की लापरवाही ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।