Newzfatafatlogo

Rohini Acharya का साहसिक बयान: क्या है उनके किडनी दान की सच्चाई?

रोहिणी आचार्य ने अपने किडनी दान पर उठे विवादों का साहसिक जवाब दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि कोई उनके खिलाफ आरोप साबित कर दे, तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगी। उनके बयान ने न केवल उनके परिवार की स्थिति को उजागर किया है, बल्कि यह भी बताया है कि वे किसी राजनीतिक पद की इच्छुक नहीं हैं। जानें उनके भाई तेज प्रताप यादव का समर्थन और इस पूरे मामले की सच्चाई।
 | 
Rohini Acharya का साहसिक बयान: क्या है उनके किडनी दान की सच्चाई?

रोहिणी आचार्य का स्पष्ट संदेश

Rohini Acharya Controversy : राजद के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक साहसिक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से उन सभी लोगों को चुनौती दी है जो उनके खिलाफ झूठे और अपमानजनक आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई यह साबित कर दे कि उन्होंने अपने पिता को किडनी दान करने के बदले किसी प्रकार की राजनीतिक या व्यक्तिगत मांग की है, तो वह तुरंत अपने सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लेंगी। रोहिणी ने ट्रोल्स और झूठ फैलाने वाले मीडिया से माफी की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी के पास सबूत नहीं है, तो उन्हें न केवल उनसे, बल्कि देश की हर बेटी, बहन और माँ से सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करनी चाहिए।


महिलाओं का अपमान करना है नीयत पर सवाल उठाना

नीयत पर सवाल उठाना देश की महिलाओं का अपमान 
आपको बता दें कि वर्ष 2022 में जब रोहिणी आचार्य ने सिंगापुर में अपने पिता को अपनी एक किडनी दान की, तो पूरे देश में उनकी प्रशंसा हुई। इसे एक बेटी का महान त्याग माना गया। लेकिन समय के साथ यह निजी और मानवीय निर्णय राजनीतिक चर्चा और विवाद का विषय बन गया। कुछ राजनीतिक हलकों और सोशल मीडिया समूहों ने आरोप लगाए कि यह बलिदान सत्ता की लालसा से प्रेरित था। इस तरह के आरोपों से आहत होकर रोहिणी ने सार्वजनिक रूप से अपनी सफाई दी और कहा कि उनकी नीयत पर सवाल उठाना न केवल उनका अपमान है, बल्कि महिला सम्मान पर भी आघात है.


परिवारिक जिम्मेदारियों पर जोर

बेटी, बहन और मां के रूप में निभा रही जिम्मेदारी 
रोहिणी आचार्य ने अपने हालिया बयान में स्पष्ट किया कि उनका राजनीति में आने या किसी पद की मांग करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने न कभी राज्यसभा सीट की मांग की, न विधानसभा टिकट की और न ही किसी उम्मीदवार को समर्थन देने की कोशिश की। उनका कहना है कि वे केवल एक बेटी, बहन और मां के रूप में अपनी ज़िम्मेदारी निभा रही हैं और उन्हें अपने स्वाभिमान, माता-पिता के प्रति समर्पण और पारिवारिक मूल्यों पर गर्व है। उनका जोर इस बात पर है कि किसी के भी चरित्र हनन की राजनीति न केवल अनैतिक है, बल्कि सामाजिक रूप से भी नुकसानदेह है.


परिवार में मतभेद की अटकलें

किसी से व्यक्तिगत और राजनीतिक विरोध नहीं
इन बयानों के साथ ही कुछ घटनाएं भी चर्चा में आ गईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहिणी आचार्य ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव और भाई तेजस्वी यादव को सोशल मीडिया पर अनफॉलो कर दिया। इसके चलते राजनीतिक गलियारों में यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि परिवार में आंतरिक मतभेद उभर रहे हैं। हालांकि, रोहिणी ने स्पष्ट किया कि उनका किसी से कोई व्यक्तिगत या राजनीतिक विरोध नहीं है और वे पार्टी या सरकार में किसी पद की इच्छुक नहीं हैं। उनका मुख्य उद्देश्य केवल सच्चाई और पारिवारिक एकता को बनाए रखना है.


तेज प्रताप यादव का समर्थन

तेज प्रताप यादव का समर्थन
रोहिणी के इस भावनात्मक और साहसी रुख को उनके भाई तेज प्रताप यादव का समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि एक बहन, जिसने अपने पिता के लिए जीवन का जोखिम उठाया, उसके दर्द को समझा जाना चाहिए। तेज प्रताप ने यह भी जोड़ा कि वे रोहिणी के सम्मान के साथ हैं और हर उस प्रयास का विरोध करेंगे जो उनके चरित्र या त्याग को नीचा दिखाने की कोशिश करे.