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अंडमान और निकोबार में 6.2 तीव्रता का भूकंप, जान-माल का नुकसान नहीं

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मंगलवार सुबह 6.2 तीव्रता का भूकंप आया, जो 10 किलोमीटर की गहराई पर था। इस भूकंप के कारण किसी भी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। अंडमान सागर भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है, और यह घटना हाल ही में दिल्ली-एनसीआर में आए भूकंप के बाद हुई है। जानें भूकंप के कारण और इसके प्रभाव के बारे में अधिक जानकारी।
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अंडमान और निकोबार में 6.2 तीव्रता का भूकंप, जान-माल का नुकसान नहीं

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भूकंप

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भूकंप: मंगलवार की सुबह, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 6.2 की तीव्रता का भूकंप आया। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के अनुसार, यह भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया। अभी तक किसी प्रकार के नुकसान या हताहत की सूचना नहीं मिली है। अंडमान सागर भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है, इसलिए यहाँ भूकंप आना सामान्य है। यह घटना दिल्ली-एनसीआर में हाल ही में आए भूकंप के लगभग दो सप्ताह बाद हुई है।


सुबह के समय, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6 से अधिक थी। हालांकि, इन झटकों के बावजूद किसी भी प्रकार के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।


भूकंप से प्रभावित लोग

अंडमान सागर और उसके आस-पास के द्वीप भूकंप के लिए अत्यधिक संवेदनशील माने जाते हैं। यहाँ अक्सर भूकंप के झटके महसूस होते हैं। जुलाई महीने में देश के विभिन्न हिस्सों में कई बार भूकंप के झटके आए हैं। विशेष रूप से, दिल्ली में जुलाई में तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। लगातार आ रहे भूकंपों ने लोगों, विशेषज्ञों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।


22 जुलाई को गुजरात के कच्छ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता 3.6 मापी गई। भूकंपीय गतिविधियों में वृद्धि को देखते हुए, आपदा प्रबंधन विभाग स्थिति पर नजर रख रहा है।


भूकंप के कारण

पृथ्वी की बाहरी सतह भले ही स्थिर दिखती हो, लेकिन इसके अंदर हमेशा हलचल होती रहती है। भूगर्भीय प्लेटों के टकराने से हर साल सैकड़ों भूकंप आते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, पृथ्वी 12 टेक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, तो उत्पन्न ऊर्जा भूकंप का कारण बनती है।