अंबाला में डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर: मालगाड़ियों का संचालन और यात्री ट्रेनों की योजना
अंबाला में डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर का महत्व
अंबाला (Ambala DFCCIL corridor)। 5500 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर पर आवश्यकतानुसार तीन मालगाड़ियों को एक साथ चलाने की सुविधा उपलब्ध होगी। इससे पहले, इस कॉरिडोर पर दो मालगाड़ियों को एक साथ चलाया जा चुका है। भविष्य में, इस मालगाड़ी के संचालन की योजना बनाई जा रही है ताकि व्यापारियों का सामान जल्दी और सुरक्षित तरीके से गंतव्य तक पहुंच सके।
यात्री ट्रेनों का संचालन
Ambala DFCCIL corridor: यात्री ट्रेनों का संचालन
उत्तर प्रदेश के खुर्जा से लेकर पंजाब के साहनेवाल तक फैले इस कॉरिडोर के ट्रैक पर इमरजेंसी के दौरान यात्री ट्रेनों का संचालन भी संभव होगा। रेलवे ने दीपावली के समय इसका परीक्षण किया था, जिसमें कुछ पैसेंजर ट्रेनों को दिल्ली से आगे कॉरिडोर के रेल खंड पर सफलतापूर्वक चलाया गया था। इसी तरह, सहारनपुर से आने वाली ट्रेनों को भी आवश्यकता अनुसार कॉरिडोर पर स्थानांतरित किया जा सकेगा।
दोहरी लाइन की योजना
दोहरीलाइन की योजना
डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर पर वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 45 से 50 ट्रेनों का संचालन हो रहा है। रेलवे ने हिमाचल, पंजाब, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर से फलों के निर्यात और अन्य सामान की सप्लाई में वृद्धि की उम्मीद जताई है। इस संदर्भ में, नई रेल लाइन बिछाने की योजना भी बनाई जा सकती है, जिसकी जानकारी हाल ही में अधिकारियों की बैठक में दी गई थी।
70 किमी प्रति घंटे की गति
70 किमी तक दौड़ने में सक्षम
डीएफसीसीआईएल के मुख्य महाप्रबंधक, पंकज गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश से पंजाब तक बिछाई गई रेल लाइन अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो रही है। इससे रेलवे को लाभ हुआ है और व्यापारियों को सामान भेजने में सुविधा मिली है। यदि आवश्यक हुआ, तो भविष्य में इस रेल लाइन का दोहरीकरण किया जा सकता है। वर्तमान में, इस कॉरिडोर पर मालगाड़ियों का संचालन 35 से 40 किमी प्रति घंटे की गति से हो रहा है, जिसे भविष्य में बढ़ाया जा सकता है। कॉरिडोर की लाइन को आधुनिक सिग्नल सिस्टम से लैस किया गया है, जिससे 70 किमी प्रति घंटे की गति से मालगाड़ियों का सुरक्षित संचालन संभव है। यह गति मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए निर्धारित की गई है।
