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अंबाला में मौसम की स्थिति: ठंड और प्रदूषण का असर

अंबाला में मौसम 18 नवंबर तक सूखा रहने की संभावना है, जबकि ठंड और प्रदूषण का असर भी देखने को मिल रहा है। किसानों ने गेहूं की फसल में पानी देना शुरू कर दिया है, जिससे उनकी पैदावार में वृद्धि की उम्मीद है। जानें इस मौसम के बारे में और अधिक जानकारी।
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अंबाला में मौसम की स्थिति: ठंड और प्रदूषण का असर

अंबाला में मौसम का हाल

अंबाला (Ambala Weather): राज्य में 18 नवंबर तक मौसम सामान्यतः सूखा रहने की संभावना है। इस दौरान उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिशा से हल्की से मध्यम गति की हवाएं चलने की उम्मीद है, जिससे सुबह और शाम में हल्की ठंड महसूस हो सकती है। दिन के तापमान में थोड़ी वृद्धि होने की संभावना है, जबकि रात का तापमान और गिर सकता है।


चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि इस अवधि में अधिकतम तापमान 25 से 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 6 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है।


प्रदूषण के कारण मौसम में धुंधलापन

नवंबर में ठंड का असर अभी तक कम देखने को मिला है और कोहरा भी नहीं छाया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार मौसम अपेक्षाकृत साफ है। पिछले साल 17 नवंबर को घना कोहरा छा गया था, जिससे यातायात में बाधा आई थी। वर्तमान में मौसम साफ है और धूप भी खिली हुई है, लेकिन हवा में प्रदूषण के कारण सुबह और शाम में मौसम धुंधला हो रहा है।


इस बीच, पीडब्ल्यूडी बीएंडआर ने सड़कों पर सफेद पट्टी लगाने का कार्य शुरू कर दिया है ताकि वाहन चालकों को घने कोहरे के दौरान कोई परेशानी न हो। अंबाला-जलबेड़ा रोड पर भी सफेद पट्टी लगाई गई है। सोमवार को अधिकतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में प्रदूषण के चलते एक्यूआई 286 रिकॉर्ड किया गया।


किसानों ने गेहूं की फसल में पानी देना शुरू किया

किसानों ने कृषि विभाग के निर्देशों के अनुसार फसल अवशेषों को आग न लगाकर सुपर सीडर के माध्यम से मिट्टी में मिला दिया है। इसके परिणामस्वरूप गेहूं की फसल पहले पानी के लिए तैयार हो चुकी है। खेतों में खरपतवार की समस्या से बचने के लिए किसानों ने पहले से ही स्प्रे किया हुआ है, क्योंकि खरपतवार गेहूं की पैदावार को प्रभावित करता था।


किसान राजेंद्र कुमार, संतराम, सूरजभान आदि ने बताया कि वे गेहूं को पहले पानी देने लगे हैं क्योंकि इस समय गेहूं पानी के लिए तैयार है। इसके अलावा, मौसम भी अनुकूल है। वे वर्तमान गेहूं की फसल को देखकर उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी पैदावार अधिक होगी।